विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम के आंदोलन का शंखनाद कल

केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत क्षेत्र के निजीकरण एवं अन्य नीतियों के विरोध में गुरुवार 26 नवम्बर से आंदोलन का शंखनाद किया जा रहा है, इस दौरान एसबीडी की प्रतियाँ जलाई जायेंगी।

NCCOEEE के आव्हान पर 26 नवम्बर को देशव्यापी एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में मध्य प्रदेश से भी मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पाईज एण्ड इंजीनियर्स के बैनर तले विभिन्न मांगों पर केन्द्र शासन की नीतियों के विरोध में राजधानी भोपाल में गोविन्दपुरा, जबलपुर में शक्ति भवन गेट एवं इन्दौर में पोलोग्राउण्ड सहित सभी संभागीय एवं जिला मुख्यालयों में काली पट्टी लगाकर सांय 5:30 बजे गेट मीटिंग की जायेगी एवं स्टेंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट की प्रतियों की होली जलाई जायेगी।

इस संबंध में फोरम द्वारा 17 नवम्बर को मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री एवं सभी संबंधितों को सूचित कर दिया गया है। बिजली कर्मचारियों की मांग है कि प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2020 एवं एसबीडी को तुरन्त वापस लिया जाये।

इसके अलावा प्रदेश एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में वितरण कंपनियों के निजीकरण को वापस लिया जाकर देश में प्राइवेट लाइसेंसी एवं फ्रेंचाइजी समाप्त की जाये। पूरे देश में उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनियों का केरल राज्य विद्युत बोर्ड की तरह एकीकरण किया जाये।

इसके साथ ही नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाये एवं अनिवार्य सेवानिवृत को विद्युत क्षेत्र में समाप्त किया जाये। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मियों को तेलगांना शासन की तर्ज पर संविलियन किया जाये। अधोसंरचना अनुसार नये पद सृजन कर उन्हें नियमित कर्मचारियों से भरा जाये।

केन्द्र सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों को निजी हाथों में देकर आम उपभोक्ता, किसान , व्यवसायी , अधिकारी एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों का 26 नवम्बर के आंदोलन से शंखनाद किया जा रहा है। इसके बावजूद यदि शासन द्वारा इन मांगों पर विचार नहीं किया गया एवं चर्चा नहीं की गई तो, दिसम्बर महीने में सभी वर्गों के बीच जन जागरण कर एनसीसीओईईई द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार जनवरी एवं फरवरी 2021 में पूरे देश के बिजली अभियंता एवं कर्मचारी क्रमिक कार्य बहिष्कार कर पूर्ण कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।