जिन्हें अपना कर्मचारी नहीं मानती बिजली कंपनियां, दीपोत्सव में उन्हीं के भरोसे रहेगी सारी व्यवस्था

बिजली लाइन में आए फाल्ट को सुधारते समय अगर किसी आउटसोर्स कर्मी के साथ कोई हादसा हो जाए तो बिजली कंपनी उन्हें अपना कर्मचारी मानने से इनकार करते हुए न ही इलाज के लिए सहायता राशि देती है और न ही मृत्यु होने पर परिजनों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन जब कोई बड़ा त्यौहार आता है या आयोजन होता है तो निर्बाध बिजली आपूर्ति की सारी जिम्मेदारी इन आउटसोर्स कर्मियों के ऊपर डाल दी जाती है।

मध्य प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियां इन दिनों मेंटेनेंस के कार्य में जोर-शोर से लगी हुई है, ताकि पांच दिवसीय दीपोत्सव और उसके बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के दिन निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके। इस दौरान मेंटेनेंस का लगभग सारा दारोमदार आउटसोर्स कर्मियों पर ही है।

विद्युत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार त्यौहार में मैदानी क्षेत्रों में आउटसोर्स कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित किए जाने आला अधिकारियों ने ठेकेदारों को मौखिक रूप से आदेश भी दे दिए हैं और साथ ही सभी आउटसोर्स कर्मियों को एक भी छुट्टी नहीं देने के लिए कहा गया है।

वहीं मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था को संभालने वाले आउटसोर्स कर्मियों को भी नियमित कर्मचारियों की भांति सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए और साथ ही राष्ट्रीय अवकाश के दिन ड्यूटी करने पर सभी विद्युत कंपनियों के आउटसोर्स कर्मियों को दोगुने पारिश्रमिक का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।