कर्मचारी कल्याण समिति की अनुशंसा हुई दरकिनार, आंदोलन के लिए मजबूर एमपी के लिपिक

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने तहसीलदारों की तरह लिपिक वर्ग को लाभ ना देकर उन्हें भी आंदोलन के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया है। लिपिकों को पांच वर्ष पश्चात भी कल्याण समिति की अनुशंसा के अनुसार लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि तहसीलदारों को आंदोलन की चेतावनी देने पर ही लाभ दे दिया है, लिपिकों को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है।

 मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा (राज्यमंत्री दर्जा) की अनुशंसा के पश्चात भी लिपिकों को 1900 के स्थान पर 2400 का ग्रेड पे नहीं दिया जा रहा है, मंत्रालय के लिपिक को प्रथम समय मान 3200, दूसरा समयमान वेतनमान (9300–34800+ग्रेड पे 3600)। वहीं मैदानी लिपिकों को 1900 और 2800 ग्रेड पे दिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेश शुक्ला, मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष संजय गुजराल, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वदीप पटेरिया, मध्य प्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी, मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष मिश्रा, वाहन चालक संघ के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह, मध्य प्रदेश आईटीआई तक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रशांत सोंधिया, मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष देव दोनेरिया, मध्य प्रदेश अजाक्स के जिला अध्यक्ष योगेश चौधरी, मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अध्यक्ष एसके वांदिल, सपाक्स अध्यक्ष प्रदीप पटैल, समयपाल संघ के अध्यक्ष मुकेश  मरकाम, सिहोरा तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा, सतीश उपाध्याय, नरेंद्र सेन, विनय नामदेव, अजय दुबे, पीएल गौतम, रवि बागडी, अर्जुन सोमवंसी ने लिपिकों को अनुशंसा के अनुसार 2400 ग्रेड पे प्रथम, द्वितीय समयमान का लाभ देने की मांग की है। मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा है की लिपिकों को सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में हड़ताल करने के लिए मजबूर न किया जाए।