सीएम के निर्देशों के बाद भी चार साल में मिली सिर्फ निराशा, लिपिकों में बढ़ रहा आक्रोश

मध्य प्रदेश के हजारों लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति एवं अन्य माँगों के लिए सरकार द्वारा रमेश चन्द्र शर्मा (हाई पावर कमेटी) समिति गठित की थी। समिति द्वारा वित्त विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत के उपरांत अपनी अनुशंसाएं शासन को सौंपी।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जिन पर कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री द्वारा दो माहों में निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु लगभग चार वर्षो से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी शासन द्वारा उक्त माँगों का निराकरण नहीं हुआ है, जिससे प्रदेश के लिपिकों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।

संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मिर्जा मन्सूर बेग, मुकेश सिंह, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डेय, दालचन्द्र पासी, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, विनोद पोद्दार, रूद्र परिहार, सुनील सेठी, संजय चौबे, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा हिमान्शु शुक्ला, विवेक तिवारी, हरवंश सिंह मार्को आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि रमेश चन्द्र शर्मा हाई पावर कमेटी की अनुशंसायें मान्य करते हुए लिपिकों की वर्षों से चली आ रही वेतन विसंगति दूर की जाये।