बिजली कर्मियों से मारपीट कर जबरदस्ती पोल पर चढ़ाया, करंट लगने से आउटसोर्स कर्मी की मौत

भगवान भरोसे चल रहे एमपी के बिजली तंत्र को आउटसोर्स कर्मी ही संभाले हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा शोषण भी उन्हीं का हो रहा है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर ग्रामीण सर्किल के पाटन कार्यपालन अभियंता कार्यालय के शाहपुरा डीसी के अंतर्गत 30 मई 2023 की रात लगभग 10:30 बजे नोनी सब-स्टेशन के पास वाले गांव की बिजली बंद हो गई थी।

जिसके बाद बिजली उपभोक्ताओं के द्वारा आउटसोर्स कर्मी छोटेलाल को बिजली बंद होने की जानकारी दी गई और जिस पर आउटसोर्स कर्मी ने बोला कि पता नहीं कहां से बिजली बंद हो गई है। जिसके बाद उपभोक्ताओं के द्वारा नोनी सब-स्टेशन के अंदर घुस कर ऑपरेटर नीलेश पटले एवं राजू पटेल के साथ मारपीट की गई, मारपीट के डर से दोनों कर्मी वहां से भाग गए, जिसके बाद उपभोक्ताओं के द्वारा आउटसोर्स कर्मी छोटेलाल के साथ मारपीट कर और डरा-धमका कर पोल में चढ़ा कर बिजली चालू करने को कहा गया। छोटेलाल पोल में चढ़कर जैसे ही बिजली चालू करने लगा, उसी समय उसे करंट लगा और वह जमीन पर आ गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई।

आउटसोर्स कर्मी की मौत के बाद हंगामा मच गया, इस बीच किसी ने पुलिस को घटना की जानकारी दे दी। हंगामे के बीच नोनी गांव से शव लेकर पुलिस के संरक्षण में नटवारा अस्पताल में आउटसोर्स कर्मी का पोस्टमार्टम कराया गया, उसके बाद परिवार को कर्मी का शव सौंप दिया गया। मृत आउटसोर्स कर्मी छोटेलाल के तीन छोटे बच्चे हैं और परिवार की आय का अन्य साधन भी नहीं है।

तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, राजकुमार सैनी, अशोक जैन, अजय कश्यप, मोहन दुबे, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, प्रकाश काछी, पीके मिश्रा, राकेश नामदेव, इंद्रपाल सिंह, उत्तम पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, संतोष पटेल, केएन गर्ग, राजेश झारिया, घनश्याम चौरसिया, राजेश यादव आदि ने मांग की है कि आउटसोर्स कर्मी छोटेलाल को जबरदस्ती पोल में चढ़ाया गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। वहीं पुलिस के द्वारा सूक्ष्मता से जांच कर सब-स्टेशन के अंदर घुसकर ऑपरेटर्स के साथ मारपीट करने वाले उपभोक्ताओं के ऊपर न्यायोचित कार्यवाही की जावे। साथ ही संघ ने बिजली कंपनी से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मी के परिवार के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए एवं ठेका कंपनी के द्वारा बीस लाख रुपए की सहायता राशि परिवार के आश्रित को दी जाए।