देश की पहचान स्थापित करने का दुर्लभ अवसर है प्रदेश में जी-20 शिखर सम्मेलन: सीएम चौहान

एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश की पहचान स्थापित करने का प्रदेश में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन दुर्लभ अवसर है। हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। सम्मेलन में भाग लेने आने वाले डेलीगेट्स का स्वागत अच्छा हो और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। सम्मेलन को व्यवस्थित बनाने की तैयारी अभी से शुरू कर दी जाए। मुख्यमंत्री आज निवास पर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में इंदौर और पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री, संबंधित जिलों के अधिकारी और जन-प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़े।

सीएम चौहान ने कहा कि देश और विदेश से आने वाले डेलीगेटस को दिखाने के लिए प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल जैसे खजुराहो, पन्ना टाइगर रिजर्व मांडव, महाकाल मंदिर आदि स्थल बहुत कुछ है। खजुराहो, पन्ना, इंदौर, मांडव और उज्जैन में पर्यटन की दृष्टि से तैयारी रखी जाए। पन्ना के मंदिर बहुत सुंदर हैं, पन्ना को सजाकर तैयार करें। मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से केन-घड़ियाल केंद्र का भ्रमण कराने के संबंध में भी निर्देश दिए। इन स्थानों पर आवश्यक व्यवस्थाएँ पूरी कर ली जाएँ। सीएम चौहान ने कहा कि यातायात और ठहरने की व्यवस्था अच्छी हो। प्रदेश की छवि अच्छी बनाए रखने के लिए भरपूर कोशिश करें। हथकरघा की प्रदर्शनी भी लगाई जाए।

सीएम चौहान ने कहा कि आयोजन की ब्रांडिंग अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हो। प्रचार-प्रसार के लिए जी-20 के सचिवालय के सम्पर्क में रहें। कोई ऐसी थीम तैयार करें जिसकी जी -20 देशों में ब्रांडिंग हो। कार्यक्रम के पश्चात डेलिगेटस को मधुर स्मृतियाँ भी भेंट करने की तैयारी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिस्थितियों को देखकर योजना बने, कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि जी-20 के आयोजन के लिए प्रदेश स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खजुराहो के आस-पास हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा हो। इस आयोजन के माध्यम से खजुराहो को बदलकर रख दें। यूपीआई पेमेन्ट की पर्याप्त व्यवस्था हो।

सीएम चौहान ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी। एक टीम मंत्रियों की भी रहेगी, जो आयोजन की व्यवस्थओं की देख-भाल करेगी। अधिकारियों की एक टीम उदयपुर भेजी जाएगी, जहाँ के अनुभव का लाभ प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि समन्वय बनाकर अभी से तैयारी शुरू करें।