इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी और जेट पेंचर तकनीक से भरे जाएंगे एमपी की सड़कों के गढ्ढे

मध्य प्रदेश में सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग के लिए नवीन तकनीक इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पेंचर तकनीक और वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से कम समय में बेहतर गुणवत्ता से कार्य किया जा सकेगा। प्रदेश में यह तकनीक प्रथम चरण के 7 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जाएगी।

मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि बारिश और क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के ट्रेफिक के कारण सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं। सड़क रिपेयरिंग का कार्य गुणवत्ता के साथ सतत रूप से किया जाता है, लेकिन रिपेयरिंग कार्य में लगने वाला समय और उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न-चिन्ह खड़े किए जाते हैं। लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग की नवीन आधुनिक तकनीक जेट पेंचर, वेलोसिटी पेंचर तथा इंफ्रारेड तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है। 

उन्होंने कहा कि इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पेंचर तकनीक और वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक को लागू करने से पहले विभाग के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा विस्तृत अध्ययन किया गया है। इस तकनीक में कार्य के दौरान कोई भी अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न नहीं होता है। इससे मानसून सहित सभी मौसम में कार्य किया जा सकेगा।

प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखबीर सिंह ने बताया कि पेंचर रिपेयरिंग की नवीन तकनीक नवाचार अन्तर्गत 7 जिलों ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, भोपाल, सीहोर और रायसेन में लागू की जा रही है। इससे 582 किलोमीटर सड़क पर रिपेयरिंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेट पेंचर टेक्नोलॉजी से भोपाल परिक्षेत्र के भोपाल एवं सीहोर संभाग में 185 किलोमीटर सड़क, वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर तथा इन्फ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना और दतिया जिले के 210 कि.मी. सड़कों के गड्ढे भरने का कार्य किया जाएगा।