ओएफके सुरक्षा कर्मचारी यूनियन को मिली शिकायत, को-ऑपरेटिव सोसायटी में असुरक्षित हुई जमा पूँजी

जबलपुर स्थित आयुध निर्माणी खमरिया की को-ऑपरेटिव सोसायटी ने विगत कुछ वर्षों से अपनी कार्यशैली एवं कुशल नेतृत्व के कारण सोसायटी में अमूलचूल परिवर्तन किया है, जिसका फायदा आज प्रत्येक अंशधारियों को मिल रहा है। किंतु निर्माणी के इतिहास में पहली बार सोसायटी में प्रशासक नियुक्त होने एवं नये संचालक मंडल बनने के पश्चात अंशधारियों की जमा पूँजी असुरक्षित महसूस हो रही है। जिसे लेकर सुरक्षा कर्मचारी यूनियन से सम्बन्धित डेलीगेट ने शिकायत की है।

इस तारतम्य में यूनियन समर्थित सोसायटी के लगभग 42 प्रत्यायुक्तों एवं अशंधारियों द्वारा लगातार यूनियन को शिकायत दर्ज कराई जा रही है। जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं- अंशधारियों को मिलने वाले लभांश को पूर्व की भाँति अतिशीघ्र वितरित किया जाये। विगत 2 वित्तीय वर्षों के शुद्ध लाभ की बची शेष राशि को प्रत्येक अंशधारियों को उपहार के रूप में अतिशीघ्र वितरित किया जाये। आरडी पर मिलने वाले ब्याज की विश्तों को पूर्व की भाँति किया जाये। एमआईएस एफडी की व्याज दर को कम ना किया जाये अन्यथा कई अंशधारी सोसायटी से अपनी जमापूंजी निकाल लेंगें, जिससे सोसायटी को नुकसान होगा। पेट्रोल एवं डीजल की मशीनों को उच्च मापदंडो से जाँच कराई जाये। प्रशासक के कार्यकाल का लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाये। अंशधारियों को सोसायटी में हमेशा प्राथमिकता दी है के बावजूद नये संचालक मंडल द्वारा अशंधारियों से लोन के पूर्व चेक जमा कराना बैंक की नीतियों के तहत आता है जिससे सोसायटी की साख कमजोर हो रही है। इमरजेंसी लोन, सोसायटी लोन की समयसीमा सुनिश्चित की जाये। सोसायटी में की नई कर्मचारियों की नई भर्तियों को सार्वजनिक किया जाये। अतिशीघ्र सोसायटी का समस्त लेखा-जोखा कम्पयूटीकृत किया जाये।

सुरक्षा कर्मचारी यूनियन के आनंद शर्मा, अमित चौबे, राकेश रंजन, अखिलेश पटेल, अनिल गुप्ता, हृदेश यादव, राकेश जैसवाल, जीजो सी जैकब, मुकेश विनोदिया, रोहित सेठ, धर्मेंद्र रजक, महेंद्र रजक, मुकेश कुमार, राहुल चौबे, मुकेश पांडे ने कहा कि उपरोक्त सभी बिंदु अत्यंत संवेदनशील हैं, अतिशीघ्र इनका निराकरण किया जाये अन्यथा की स्थिति में यूनियन समस्त अंशधारियों के साथ संवैधानिक तरीके से कदम उठाने हेतु बाध्य रहेगी।