सड़कों पर उतरे एमपी के सरकारी कर्मचारी, मुख्यमंत्री को भेजा गया 23 सूत्रीय माँग पत्र

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश स्तर के आह्वान पर आज शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जबलपुर तहसीलदार स्वाती सूर्या के माध्यम से 23 सूत्रीय मांगों का माँग पत्र दिया गया है। माँग पत्र में बताया गया है कि सरकार द्वारा लिपिकों की वेतन विसंगति रमेश चन्द्र शर्मा की अनुशंसा के आधार पर सुधारने के आदेश जारी नही किये जा रहे है।     

इसके अलावा पदोन्नति में रोक लगी हुई हैं, मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना का लाभ देन के आदेश जारी नहीं किये जा रहे है, केन्द्रीय कर्मचारियों के अनुसार आवास भत्ता, शहरी भत्ता, मंहगाई भत्ता, वाहन भत्ता, समयपालों को नियमित स्थापना में करने एवं योग्यता के अनुसार कार्य भार देने, भृत्यों का पद नाम परिवर्तित करने, आशा कार्यकर्ता, अतिथि शिक्षक, आयुष विभाग तृतीय समयमान वेतन, वाहन चालकों की नियमित भर्ती, स्वास्थ कर्मी की पदोन्नतियाँ, समयमान वेतन, पंचायत सचिव को सातवें वेतनमान देने, निगम मंडलों के कर्मचारियों को प्रदेष के कर्मचारियों के समान सभी लाभ देने, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को नियमित वेतनमान देने, लिपिक संवर्ग को मंत्रालयीन लिपिकों के समान वेतनमान देने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, अनुकंपा नियुक्ति प्रकिया सरल नहीं की जा रही है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, राजेद्र तेकाम, संतोष मिश्रा, रविकांत दहायत ,अय्यर, विश्वदीप पटेरिया, अरवेंद्र राजपूत, संजय गुजराल, मुकेश चतुर्वेदी, प्रशांत सोंधिया, मुकेश मरकाम, धीरेन्द्र सिंह, राम दुबे, राजू मस्के, सतीश उपाध्याय, अर्जुन सोमवंसी, मुकेश कोष्टा, सतीश डेहरिया, मुकेश दहायत, जगन्नाथ ने कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण किये जाने की मांग की हैं।