मध्य प्रदेश सरकार ने छटवें वेतनमान में वेतन प्राप्त कर रहे शासकीय सेवकों के मंहगाई भत्ते में 9 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। इसी प्रकार राज्य शासन के उपक्रमों, निगमों, मंडलों तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के मंहगाई भत्तों में भी वृद्धि की गई है। राज्य शासन द्वारा आज इस आशय के आदेश जारी कर दिये गये हैं। आदेश के अनुसार अब 1 जनवरी 2023 से (भुगतान माह फरवरी 2023) से बढ़े हुए महंगाई भत्ते की दर लागू होगी। अब मंहगाई भत्ते की दर बढ़ कर 203 प्रतिशत से बढ़ कर 212 प्रतिशत हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि 1 अगस्त 2022 से 203 प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ता दिया जा रहा था। महंगाई भत्ता दर में 50 पैसे अथवा उससे अधिक पैसे को अगले उच्चतर रुपए में पूर्णांकित अंकित किया जाएगा और 50 पैसे से कम राशि को छोड़ दिया जाएगा। मंहगाई भत्ते का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन हेतु वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा। राज्य शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ते के भुगतान पर किया गया व्यय संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट के प्रावधान से अधिक नहीं हो।
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राज्य शासन के उपक्रम, निगम, मंडल तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के मंहगाई भत्तों में भी वृद्धि की गई है। ऐसे कर्मचारियों, जो मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1989 यानी चतुर्थ वेतनमान या मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 यानी पाँचवें वेतनमान में वेतन प्राप्त कर रहे हैं, को एक अगस्त 2022 से क्रमश: 1225 प्रतिशत एवं 258 प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ता मिल रहा था, को अब एक जनवरी 2023 भुगतान माह फरवरी 2023 से मूल वेतन एवं व्यक्तिगत वेतन में मंहगाई दर में 40 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कुल 1265 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिलेगा। इसी प्रकार पाँचवां वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता अब 11 प्रतिशत बढ़ कर 269 प्रतिशत हो गया है।