एमपी सरकार बंद करे बिजली कर्मियों की मांगों को लटकाने की प्रवृत्ति, यूनाइटेड फोरम की धरना प्रदर्शन रैली 23 नवंबर को

मध्य प्रदेश की बिजली कम्पनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ने 21अक्टूबर को प्रदेश के मुख्‍यमंत्री बिजली कंपनियों की समस्‍याओं एवं मांगों के संबंध में चर्चा करने हेतु निवेदन किया गया था। जिसमें मध्‍यप्रदेश की विद्युत कंपनियों में सुधार हेतु सुझाव प्रेष‍ित करते हुये विद्युत कं‍पनियों में कार्यरत सभी वर्गों की समस्‍याओं पर चर्चा हेतु 15 दिन में समय प्रदान करने का निवेदन किया गया था।

फोरम के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने बताया की प्रेषित सुझाव के पश्चात इसी तारतम्‍य में 15 दिन व्‍यतीत होने के उपरांत 6 नवंबर को श‍िवाजी नगर स्‍थि‍त हनुमान मंदिर में सदबुद्धि यज्ञ भी किया जा चुका है, उसके उपरांत भी फोरम के निवेदन पर किसी भी स्‍तर से कोई भी कार्यवाही न किया जाना अत्‍यंत दु:खद है। इसी तारतम्‍य में बुधवार 23 नवंबर को गोविन्‍दपुरा स्‍थ‍ित‍ बिजली नगर, भोपाल में दोपहर 12 बजे से धरना प्रदर्शन करते हुये रैली निकाल कर मुख्‍यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा।

1. ज्ञापन के माध्यम से फोरम ने मांग की है कि मध्‍यप्रदेश की विद्युत कंपनियों के पेंशनर्स को केन्‍द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा महंगाई राहत 38% तुरंत दिया जाये, वर्तमान में उन्‍हें मप्र शासन के पेंशनर्स से भी 6% कम महंगाई राहत दी जा रही है जो कि अत्‍यंत निंदनीय है। भविष्‍य में समय से पेंशन के भुगतान की सुनिश्‍च‍ित व्‍यवस्‍था करने हेतु उत्तर प्रदेश शासन के अनुसार विद्युत मण्‍डल के पेंशनर्स की पेंशन  ट्रेजरी से देना शुरू की जावे।

2. विद्युत वितरण कंपनियों के संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए सभी पदों को गुजरात राज्य की कंपनियों के अनुसार नियमित पदों से भरा जाए, जिसमें आज दिनांक में संविदा अधिकारी कर्मचारियों को भाजपा जन संकल्प 2013 पूरा करते हुए नियमित किया जावे।

3. संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन करते हैं कि वेतन को बढ़ाया जाए एवं लंबित सभी अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण का निराकरण करते हुए उनकी नियुक्तियां की जाएं।

4. कई वर्षों से सभी वर्गों मे कई वेतन विसंगतियां व्‍याप्‍त है, जिनको सुधारने हेतु फोरम लगातार मांग कर रहा है, लेकिन उसमें आज दिनांक तक कार्यवाही अपेक्ष‍ित ही है। अत: अनुरोध है कि वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु उच्‍च अध‍िकार प्राप्‍त समित‍ि बनाई जाये जो समय सीमा में अपनी रिपोर्ट  प्रस्‍तुत करें एवं उसके अनुसार उसमें तुरंत कार्यवाही की जावे।

5. कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनि‍फ‍िटस लागू करते हुये सभी अध‍िकारियों एवं कर्मचारियों को मेडि‍क्‍लेम पॉलिसी लागू की जायें।  

6. मप्र शासन में पदोन्नतियाँवर्ष 2016 से बन्‍द है, अत: सभी विद्युत कंप‍नियों में सभी वर्गो में उच्‍च पदों से निम्‍न पदों तक वरिष्‍ठता का ध्‍यान रखते हुये सभी को चालू प्रभार देकर भर्त्ती स्‍तर पर रिक्‍त पदों पर नयी भर्त्ती समय सीमा में की जायें, साथ ही यह भी ध्‍यान रखा जाये कि चालू प्रभार केवल वरीयता एवं पदोन्‍नति नियमों के आधार पर दि‍ये जाये।    

7. सभी विद्युत कंपनियों में सभी कर्मियों हेतु नई पेंशन स्‍कीम की जगह  पुरानी पेंशन स्‍कीम लागू की जावे एवं टर्मिनल बेनिफ‍िट ट्रस्‍ट में पेंशन की राश‍ि जमा कराई जाये। इसके अतिरि‍क्‍त अन्‍य मांगों पर भी विचार किया जाना अति आवश्‍यक है। 

उपरोक्‍त सभी बिन्‍दुओं पर ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा से चर्चा किये हुये एक साल से अध‍िक समय व्‍यतीत हो चुका है, लेकिन खेद के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि विगत एक वर्ष में ऊर्जा मंत्री से लगातार पत्राचार एवं व्‍यक्‍ति‍गत निवेदन करने के उपरांत भी किसी भी प्रकार का निराकरण प्राप्‍त नहीं हो सका है। मुख्‍यमंत्री से चर्चा हेतु तुरंत समय प्रदान करने का निवेदन किया जायेगा, जिससे विद्युत कर्मचारियों की समस्‍याओं का सार्थक निराकरण हो सके। अन्‍यथा की स्‍थ‍ित‍ि में फोरम को माह दिसम्‍बर से सघन एवं निरंतर आन्‍दोलनात्‍मक गतिविधि‍यां शुरू करने हेतु बाध्‍य होना पड़ेगा।