अपने ही संविदा कार्मिकों से दोगला व्यवहार कर रही एमपी की विद्युत वितरण कंपनियां

विद्युत वितरण कंपनियों ने अपने संविदा कार्मिकों का परीक्षा परिणाम रोक दिया और आज की तारीख तक संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया।

एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार संविदा कर्मचारियों के हित की बात करती है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश शासन से संबद्ध विद्युत कंपनियां अपने ही संविदा कार्मिकों के साथ दोगला व्यवहार कर रही हैं।

मध्यप्रदेश की मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा कंपनी में कार्यरत संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियमित भर्ती हेतु वर्ष 2017-18 में विज्ञापन जारी किया गया था।

इस बाद दोनों कंपनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इन कंपनियों द्वारा आयोजित परीक्षा में हिस्सा लिया था। लेकिन कंपनियों ने अपने संविदा कार्मिकों का परीक्षा परिणाम रोक दिया और आज की तारीख तक संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया।

वहीं इस भर्ती में शामिल हुए अन्य व्यक्तियों का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। जिसके बाद परीक्षा में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक एवं सभी विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध संचालकों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पत्र भेजे गए हैं।