एमपी की बिजली ने की मीटर रीडर्स के वेतन पर कैंची चलाने की तैयारी, निर्धारित किया राजस्व संग्रहण का लक्ष्य

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में कार्यरत सभी श्रेणी के मैदानी कर्मी सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित हैं। बिजली कंपनियां नियमों अथवा योजनाओं के नाम पर इन अल्प वेतन कर्मियों के वेतन पर कैंची चलाने से भी नहीं चूकती। अब मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक सर्कुलर निकालकर मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मीटर रीडर्स से भी राजस्व संग्रहण कराया जाए और निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाले मीटर रीडर्स के वेतन से कटौती की जाए।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने आपने सर्कुलर में कहा है कि सभी वितरण केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में POS मशीन प्रदान की गई है। इन POS मशीन का उपयोग मीटर रीडर के द्वारा राजस्व संग्रहण में किया जाना चाहिए। कंपनी ने कहा है कि सभी वितरण केन्द्र प्रभारी प्रत्येक मीटर रीडर प्रतिदिन कम से कम 20 उपभोक्ताओं से संपर्क कर POS मशीन के माध्यम से राजस्व संग्रहण सुनिश्चित करें। माह में न्यूनतम 500 उपभोक्ताओं से संपर्क कर राजस्व संग्रहण किया जाना प्रत्येक मीटर रीडर के लिये अनिवार्य है।

मीटर रीडर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजस्व संग्रहण कार्य के लिये D to D योजना भी प्रचलन में है। इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम 250 उपभोक्ताओं से राजस्व संग्रहण करने पर 1000 रुपए एवं उसके पश्चात् प्रति उपभोक्ता 5 रुपए की प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। मीटर रीडर के द्वारा माह में 500 उपभोक्ताओं से राजस्व संग्रहण करने पर मीटर रीडर को 2250 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जायेगा।

यदि मीटर रीडर के द्वारा न्यूनतम लक्ष्य (500 उपभोक्ता प्रतिमाह ) प्राप्त नहीं किया जाता है तो बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या के अनुपात में ही मीटर रीडर को वेतन भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कंपनी ने कहा है कि यदि मीटर रीडर के द्वारा 400 उपभोक्ताओं से राजस्व संग्रहण प्राप्त किया जाता है तो उसे (400/500)x100=80% वेतन का भुगतान किया जायेगा। प्रत्येक सोमवार के दिन उपरोक्त प्रगति की समीक्षा की जायेगी।