एमपी के बिजली कर्मी नहीं जानते क्या होती है पदोन्नति, 34 साल से हेल्पर ही कर रहे जोखिम का कार्य

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में जबलपुर डिवीजन के अंतर्गत सिलूआ डीसी एवं गाडरवारा उप संभाग में तीन सूत्रीय मांग को लेकर जन जागरण किया गया, जिसमें आउटसोर्स कर्मी, संविदा कर्मी तथा नियमित कर्मी उपस्थित हुए।

प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने इस दौरान कहा कि करंट का कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय पर सुरक्षा उपकरण नहीं मिलते। विभाग में कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है। वर्ष 1988 से तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी गई है। 34 साल से हेल्पर से ही जोखिम करंट का कार्य कराया जा रहा है, जबकि नियमानुसार सिर्फ लाइनमैन एवं सहायक लाइनमैन को ही करंट का कार्य करने का अधिकार है।

जन जागरण सभा में तकनीकी कर्मचारी संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मियों को बिजली कंपनियों में संविलियन किया जाए। संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए तथा नियमित कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट दिया जाए।

जन जागरण सभा में तकनीकी कर्मचारी संघ के अजय कश्यप, अरुण मालवीय, आजाद सकवार, सुरेंद्र मेश्राम, जगदीश मेहरा, संदीप यादव, सावन सिंह पटेल, सुनील सिंह ठाकुर, उदय कंसाना, आशीष ठाकुर, इंद्रपाल सिंह, बृजेश ठाकुर, कृस्ले राणा, सुबोध विश्वकर्मा, कोमल पावक, देवेंद्र पटेल, प्रदीप फौजदार, सुनील विश्वकर्मा, सूर्या पटेल, इमरान खान आदि उपस्थित थे।