विद्युत कंपनियों की हठधर्मिता: हड़ताल के कारण नियमित कर्मियों पर अनुचित दबाव बनाकर कराया जा रहा कार्य

मध्य प्रदेश के विद्युत विभाग के विभिन्न संगठनों अंतर्गत 21 जनवरी 2023 से संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी की आंदोलनरत थे, जिन्हें पूर्ण रूप से समर्थन देते हुए मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम भी 24 जनवरी 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल हो रहा है, इसके पूर्व 6 जनवरी 2023 से आंदोलन प्रस्तावित था, जिस पर प्रमुख सचिव ऊर्जा के द्वारा 5 जनवरी को आंदोलनरत प्रतिनिधिमंडल की बैठक कर उक्त मांगें मुख्यमंत्री स्तर की बताकर 15 दिवस के अंदर मुख्यमंत्री से बैठक करा मांगों का निराकरण करने हेतु आश्वासन दिया था।

मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार ने बताया कि उक्त 5 सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से संविदा का नियमितीकरण, आउटसोर्स का विभागीय संविलियन एवं वेतन वृद्धि, विद्युत मंडल के पेंशनर्स हेतु पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था एवं ट्रस्ट में समुचित राशि जमा कराने, OPS लागू किया जाए, सभी वर्गों की वेतन विसंगति दूर की जावे, फ्रिज बेनिफिट लागू करना एवं सभी विद्युत कर्मियों हेतु मेडिक्लेम पॉलिसी बनाने की मांगे शामिल है।

प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा दिये गये आश्वासन के 15 दिन व्यतीत हो जाने के पश्चात भी आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही उक्त मांगों को पूर्ण करने के संबंध में नहीं की गई और ना ही मुख्यमंत्री से मीटिंग हेतु समय प्रदान किया गया, जिसके मद्देनजर रखते हुए दिनांक 24 जनवरी 2023 से विद्युत विभाग के सभी नियमित बोर्ड कंपनी केडर संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जा रहे हैं।

भारत का संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बातें रखने और सरकार तक पहुंचाने का अधिकार देता है किंतु मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां हठधर्मिता अपनाते हुए 21 जनवरी 2023 से आन्दोलनरत संविदा एवं आऊटसोर्स कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाहियों का दबाव दिखाकर शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलन का दमन करना चाहती हैं जोकि मौलिक अधिकारों का हनन के साथ-साथ मप्र में विद्युत अव्यवस्था कराने का षणयंत्र प्रतीत होता है। 

संविदा एवं आऊटसोर्स कर्मियों के कार्य बहिष्कार में जाने के कारण कम संख्या में उपलब्ध नियमित कर्मचारियों से 24-36 घण्टों तक कार्य कराकर सभी प्रकार के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है एवं इतनी लम्बी ड्यूटी करने से उनके स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इन्ही कारणों को देखते हुये आन्दोलनरत कर्मियों एवं नियमित कर्मचारियों को बचाने हेतु फोरम द्वारा भी आन्दोलन में शामिल होने का निर्णय लिया है।

निरंतर इस आंदोलन को मध्य प्रदेश विद्युत विभाग के प्रत्येक संगठन प्रत्येक वर्ग और आमजन का सहयोग प्राप्त हो रहा है 24 जनवरी 2023 से समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी लामबंद होंगे, इसमें विद्युत व्यवस्था प्रभावित होती है एवं औद्योगिक अशांति यदि उत्पन्न होती है तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी मध्यप्रदेश शासन एवं प्रशासन की होगी।