सुरक्षा कर्मचारी यूनियन इंटक ने ओएफके महाप्रबंधक से की पदोन्नति एवं रोस्टर में हुई विसंगति दूर करने की मांग

जबलपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया की सुरक्षा कर्मचारी यूनियन इंटक ने ओएफके महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर कहा कि औद्योगिक कर्मचारियों की पदोन्नति के संबन्ध में संदर्भित पत्रों को आधार बनाकर लगातार जनवरी 2022 से अब तक प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को भ्रमित किया जा रहा है साथ ही इस मामले में हुई त्रुटियों को नजर अंदाज कर कोई भी संतोषप्रद कार्यवाही अब तक नहीं की गई है।

यूनियन ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि 16/07/2021 को कर्मचारियों द्वारा सीनियारिटी लिस्ट के संबन्ध में अपील की गई थी जिसे कैट द्वारा निरस्त कर यह कहा गया था कि आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा जो निर्णय लिया गया है कि दिनांक 04/08/2015 के प्रारूप में कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाये एवं 2015 के पहले भर्ती हुये कर्मचारियों की पदोन्नति एवं वरिष्ठता सूची के संबन्ध में किसी भी प्रकार की कोई छेड़ छाड़ न की जाये।

नीतिगत आधार पर प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को पदोन्नति देने के पूर्व ट्रेड टेस्ट कर पात्र कर्मचारियों की सीनियरिटी लिस्ट बनाकर पदोन्नति दी जाती रही है किन्तु 2020, 2021 एवं 2022 की सीनियरिटी लिस्ट को प्रकाशित न करना संदेह के घेरे में आता है एवं निर्माणी आदेश भाग III 06/01/2022 के तहत पदोन्नति निरस्त किया जाना एवं पुनः निर्माणी आदेश भाग III 22/01/2022 कर उन्ही कर्मचारियों को पदोन्नति दे देना, जिन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में केस लगाया यह एक पक्षीय कार्यवाही प्रतीत होती हैं।

संदर्भित पत्र क्र. 3 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 20/01/2022 को कैट के आदेश क्रमांक | दिनांक 16/07/2021 एवं क्रमांक 11 में पदोन्नति निरस्त करने दिनांक 06/01/2022 का आदेश किया गया है। किन्तु दिनांक 22/01/2022 को पदोन्नति का निर्माणी आदेश करना कर्मचारियों में संदेह की भावना प्रकट करता है।

उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रबंधन द्वारा अभी तक कोई भी स्पष्ट जानकारी अथवा जवाब नहीं दिया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में निरन्तर प्रबंधन के प्रति अविश्वास एवं रोष का माहौल बन रहा है जो औद्योगिक वातावरण के लिये उपयुक्त नहीं है। यूनियन द्वारा पदोन्नति को लेकर कुछ सुझाव है जिस पर यदि प्रबंधन चाहे तो निर्णय लेकर कार्यवाही कर पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों को उनकी पात्रता की तिथि से पदोन्नति दे सकता है। एवं प्रबंधन के खिलाफ शनैः शनैः बढ़ रहे कर्मचारियों के रोष से उत्पन्न होने वाले बड़े आन्दोलन से बचा जा सकता है। 

यूनियन ने सुझाव दिया कि जिन कर्मचारियों ने माननीय उच्च न्यायालय में केस किया है उतने पद आरक्षित कर बाकी कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सकती है। जिन ट्रेड के कर्मचारियों ने केस किया है भविष्य में मैकेनिकल कार्यवेक्षक पद हेतु अपनी वरिष्ठता को सुरक्षित करना चाहते हैं, जिसमें वह ट्रेड जो कैमिकल ग्रुप में आते हैं से उनका कोई नाता नहीं है। अतः अन्य ग्रुप के पात्र कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जा सकता है। 

ओएफ बोर्ड द्वारा जारी निर्देश का पालन किया जा सकता है, जिसमें स्पष्ट है कि 2015 के पहले भर्ती हुये कर्मचारियों के पदोन्नति एवं वरिष्ठता के संबन्ध में किसी प्रकार की कोई छेड़ छाड़ न की जाये अतः इसे आधार बनाकर 2015 के पूर्व भर्ती कर्मचारियों को भी पदोन्नति दी जा सकती है।

समस्त पदोन्नति हेतु पात्र कर्मचारियों से अंडर टेकिंग लेकर पदोन्नति दी जा सकती हैं। जैसे – OT / OTB का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है के बावजूद कलकत्ता की आयुध निर्माणियों में कर्मचारियों से अंडर टेकिंग लेकर OT/OTB का भुगतान किया जा रहा है।

30/08/2022 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति संबन्धी केस पर अन्तिम सुनवाई पर निर्णय की बात कही हैं जो भविष्य में कब निर्धारित होगी कहा नहीं जा सकता इस तारतम्य में यूनियन आग्रह करना चाहती है कि यदि प्रबंधन इस केस को कर्मचारियों की भावनाओं को जोड़कर एवं निर्माणी में वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्पादन लक्ष्य को लेकर अपनी अपील सुप्रीम कोर्ट में यह प्रस्ताव रखकर करे कि माननीय उच्च न्यायालय इस केस पर शीघ्र निर्णय दें।

यदि यूनियन इस केस में माननीय उच्च न्यायालय को इन्टरविनर के रूप में अपील करती है तो आपसे आग्रह है कि प्रबंधन द्वारा जो कि रिस्पॉन्डेन्ट (प्रतिपक्ष) है, वह कर्मचारियों की पदोन्नति संवन्धी सहमती पत्र देकर अपना पक्ष प्रस्तुत करे। यूनियन आग्रह करना चाहती है कि कर्मचारियों के वेतन निर्धारण संबन्धी माननीय उच्च न्यायालय ने 2017 में यह निर्णय दिया था कि एससी/एसटी वर्ग का रोस्टर यथावत रखा जाये एवं वशिष्ठता सूची में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाये।

किन्तु प्रबंधन द्वारा फेस का आधार बनाकर कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में देरी की गई एवं उनकी पात्रता की तिथि से वेतन निर्धारण न कर उन्हें लगभग छह माह से एक साल बाद तक वेतन निर्धारण किया गया, जिससे एससी एसटी वर्ग के साथ अन्य कर्मचारियों को उनके वेतन निर्धारण में देरी होने से भविष्य में बहुत अधिक आर्थिक शुकसान होने की संभावना है। इस संबन्ध में कर्मचारियों द्वारा व्यक्तिगत आवेदन देने पर 11/02/2022 को प्रबंधन द्वारा यह जवाब देकर संतुष्ट कर दिया जाता है कि आपकी जोनल सीनियरिटी यथावत रहेगी, जबकि अन्य निर्माणियों में कर्मचारियों को उनकी पात्रता की तिथि से वेतन निर्धारण किया गया है जो कि निर्माणी के लिये बहुत बड़ी विसंगति है।

यूनियन ने कहा कि पदोन्नति में हो रही देरी से सिर्फ वर्तमान में पात्र कर्मचारी ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं बल्कि एमटीएस से लेकर एवं एस तक का प्रत्येक कर्मचारी प्रभावित हो रहा है। क्योकि जब तक वरिष्ठता के आधार पर वरिष्ठ कर्मचारी पदोन्नत नहीं होगा तब तक कनिष्ट कर्मचारी भी इससे प्रभावित रहेगा। अनुरोध है कि आयुध निर्माणी खमरिया का प्रत्येक कर्मचारी आपके द्वारा दिये गये कार्यों एवं उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने हेतु वचनवद्ध है किन्तु कुछ लोगों को फायदा दिलाने हेतु हजारों कर्मचारियों के भविष्य के साथ हो रहे अन्याय को रोकने के लिये कोई ठोस निर्णय देकर अविलंब पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाये।

यूनियन के महामंत्री आनंद शर्मा ने ज्ञापन सौंपते हुए ज्वलंत विसंगतियों का निराकरण की मांग की है। यूनियन के अमित चौबे, अखिलेश पटेल, अनिल गुप्ता, हृदेश यादव, राजीव रंजन, अनुपम भौमिक, राकेश जसवाल, मोहम्मद नसीम, धर्मेंद्र रजक, आशीष तिवारी, जीजो सी जैकब, जीवन सिंह, संतोष सिंह, अनुज मिश्रा, उदय जसवाल, सुनील खत्री, रवि कांत मिश्रा ने पदोन्नति सबंधी मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है।