Wednesday, April 24, 2024
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एमपी के पन्ना में बाघ की संदिग्ध मौत का मामला: अधिकारियों को बचाने कर्मचारियों की बलि

मध्य प्रदेश के पन्ना के उत्तर वन मंडल अंतर्गत पन्ना रेंज की तिलगवा बीट में विगत दिनों एक बाघ की पेड़ के पास फांसी लगने से हुई मौत के मामले में डिप्टी रेंजर अजीत खरे और बीट गार्ड अरुण त्रिवेदी को निलंबित कर दिया गया है।

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने  बताया है कि गलतियों के लिए अधिकारियों को बचा कर कर्मचारियों को दंडित किया जाता है, लेकिन प्रशंसा या सम्मानित होने के लिए अधिकारी आगे आ जाते है। वन विभाग में भी गलतियों के लिए अधिकारियों को बचाकर कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया है। 

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जीतेंद्र शिंह ने बताया है की जब डीएफओ बेनी प्रसाद ने मान लिया है की किसानों ने अपनी फसल को छोटे जानवरों से बचाने और उन्हें फंदे में फंसाने के लिए खेत की बाड़, में फंदा लगाया था,फिर किस जुर्म की सजा कर्मचारियों को दे दी गई, यहां के डीएफओ, अनुविभागीय अधिकारी, रेंजर को निलंबित नहीं किया गया है।

ग्रामीण नेपाल सिंह और इंदल सिंह को पूछतांछ के लिए बुलाया और इनसे जानकारी मिलने पर इन्हें गिरफ्तार किया गया है। गत 6 दिसम्बर 2022 को उत्तर सामान्य वनमंडेल पन्ना अंतर्गत वन परिक्षेत्र पन्ना बीट तिलगुआ में एक नर बाघ मृत अवस्था में पेड़ से लटका पाया गया था। वन अपराध प्रकरण क्रमांक 1479/02 पंजीबद्ध कर अन्वेषण कार्यवाही प्रचलन में हैं।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, संजय गुजराल, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम, देव दोनेरिया, प्रदीप पटेल, धीरेंद्र सिंह, योगेंद्र मिश्रा, अजय दुबे, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, संदीप नेमा, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव, रजनीश पाण्डे, मनीष लोहिया, ब्रजेश मिश्रा, रवि बांगड़, अर्जुन सोमवंशी, पीएल गोतम ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने और बिना जांच के किसी भी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही न करने की मांग की है।

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