एमपी के गांवों में संचालित चिकित्सालयों में नहीं हैं जीवन रक्षक उपकरण और अग्निशामक यंत्र

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जबलपुर शहर में हुई विकराल अग्नि दुर्घटना को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले शासकीय और अशासकीय चिकित्सालयों में भी शासन को ध्यान देते हुए अग्नि दुर्घटनाएं न हो पायें इसके लिए पर्याप्त अग्निशामक यंत्रों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी, पीएचसी, उपस्वास्थ्य केंद्रो में अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए अभी किसी भी प्रकार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जिससे यहां पर कभी भी विकराल दुर्घटना होने की आशंका रहती है और जनमानस की जान जा सकती है। 

इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले सीएचसी, पीएचसी, उपस्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त जीवन रक्षक उपकरणों जैसे आक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे आकास्मिक चिकित्सा प्राप्त नहीं हो पाती है और गंभीर बीमारी के समय तत्काल वेंटीलेटर और आक्सीजन न मिल पाने से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की जान भी चली जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी, पीएचसी, उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सीय स्टाफ एवं मरीजों को साफ पीने के पानी और शौचालय की भी पर्याप्त व्यवस्था न होने से अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, गोविंद बिल्थरे, रजनीश तिवारी, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे , दुर्गेश पाण्डेय, परशुराम तिवारी, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, सतीश देशमुख, इंद्रजीत मिश्रा, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, हेमन्त गौतम, महेन्द्र चौधरी, अमित गौतम, शैलेन्द्र दुबे, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता, प्रमोद वर्मा, वीरेन्द्र सिंह ठाकुर, वीरेन्द्र पटेल, राकेश वर्मा, देवेन्द्र दाहिया, अभिषेक वर्मा, मनोज सिंह, शेरसिंह, राजाबाबू बैगा आदि ने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सालयों में भी अग्निशामक यंत्र, आक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर, साफ पानी की व्यवस्था और शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था के इंतजाम किये जाये।