मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार को आगे बढ़ाते हुए इंदौर क्षेत्र में पहली बार 220 KV वोल्टेज स्तर का 160 MVA क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर रिमोट से ऊर्जीकृत करने में सफलता प्राप्त की है। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने इंदौर में पावर सेक्टर की इस एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का एमपी ट्रांसको के 220 के व्ही सिस्टम में सफलतापूर्वक इस्तेमाल करने पर बधाई दी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र इंदौर में पहली बार स्काडा नियंत्रण कक्ष इंदौर से एचएमआई (Human Machine Interface) तकनीक के सहारे 110 किलोमीटर दूर स्थित 220 KV सब-स्टेशन राजगढ़ में लगभग 9 करोड़ की लागत से स्थापित नए 160 MVA क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर को रिमोट के जरिये ऊर्जीकृत किया गया है। इस ट्रांसफार्मर की स्थापना से मालवा क्षेत्र की पारेषण प्रणाली को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान हुई है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मालवा क्षेत्र को अब तकरीबन 150 मेगावाट की अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराया जाना संभव होगा जिस से राजगढ़ सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्रों को बहुत फायदा पहुंचेगा और उपभोक्ताओं को उचित वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा।

एमपी ट्रांसको के अधीक्षण अभियंता पीएस राघव ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के उर्जीकृत होने से राजगढ़ जिले की परिषण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और  राजगढ़ जिले की ट्रांसफॉरमेशन कैपेसिटी 5000 MVA के ऊपर पहुंच गई है राजगढ़ जिले में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी अपने 19 सब-स्टेशनों के माध्यम से विद्युत पारेषण करती है जिसमें 400 KV के दो सब-स्टेशन, 220 KV के 6 सब-स्टेशन तथा 132 KV के 11 सब-स्टेशन शामिल है, इनमें 400 KV साइड 1575 MVA, 220 KV साइड 1920 MVA तथा 132 KV साइड 1651 MVA यानि कुल 5146 MVA के ट्रांसफार्मर ट्रांसफॉरमेशन कैपेसिटी विद्यमान है।

क्या है ह्यूमन मशीन इंटरफ़ेस तकनीक

ह्यूमन मशीन इंटरफेस तकनीक में मानव और कम्प्यूटर मशीनों का उपयोग कर रिमोट से उपकरणों को नियंत्रित किया जाता है। एमपी ट्रांसको के प्रदेश में क्रियाशील तीन स्काडा कंट्रोल सेंटर में एडीएमएस के सहारे इस तकनीक के उपयोग किया जाता है।