देहरादून (हि.स.)। उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा अब केवल छह माह तक सीमित नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग के सारी गांव में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में यह ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस यात्रा को पूरे वर्ष संचालित करने की योजना पर कार्य कर रही है। इस कदम से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहर भी सुदृढ़ होगी।
सारी गांव से उठी विकास और संस्कृति की नई लहर सारी गांव में ग्रामीणों और महिलाओं के साथ झुमैला नृत्य में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यटन को ग्रामीण विकास का आधार बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सारी जैसे गांव जहां 40 से अधिक होम स्टे संचालित हो रहे हैं, राज्य के लिए प्रेरणा हैं। यहां के होम स्टे न केवल पर्यटकों को एक खास अनुभव दे रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों के लिए आजीविका का बड़ा साधन भी बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने देवरिया ताल मेले को राजकीय मेला घोषित करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन और संस्कृति का गढ़ बनेगा। बाबा तुंगनाथ जैसे धार्मिक स्थलों और अन्य देवस्थानों पर भी तेजी से विकास कार्य किए जाएंगे। आपदा के बाद भी सरकार ने संभाली गतिजुलाई में केदारघाटी में आई आपदा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बावजूद यात्रा को फिर से संचालित किया गया। अब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यात्रा सालभर चले, ताकि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और उत्तराखंड से विशेष लगाव रखते हैं। 2013 की आपदा के बाद उन्होंने स्वयं केदारनाथ के पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया। आज वह क्षेत्र भव्य और दिव्य बन चुका है। उनकी प्रेरणा से हम राज्य के हर कोने में विकास कार्यों को तेज कर रहे हैं। महिलाओं को स्वरोजगार और युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने की योजनाओं पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक परिधान, स्थानीय भोजन और हस्तशिल्प के जरिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सराहते हुए कहा कि हमारी महिलाएं, हमारी संस्कृति और हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी हैं। पर्यटन और संस्कृति को नई दिशाचारधाम यात्रा को सालभर संचालित करने की योजना न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि पारंपरिक धरोहर और स्थानीय रोजगार को नई ऊंचाई तक ले जाएगी। मुख्यमंत्री धामी की इस घोषणा से न केवल सारी गांव, बल्कि पूरे उत्तराखंड में उत्साह का माहौल है।