जम्मू (हि.स.)। विधानसभा में पारित जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग वाले प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को जम्मू में गोरखा समुदाय ने प्रदर्शन किया और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू क्षेत्र के लिए एक अलग राज्य की मांग करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपनी सरकार बनाने की अनुमति मिलेगी, जो उनके लाभ के लिए निर्णय लेगी।
जम्मू-कश्मीर गोरखा सभा की अध्यक्ष करुणा छत्री के नेतृत्व में महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों गोरखाओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार और कश्मीर-केंद्रित नेतृत्व के खिलाफ विरोध रैली निकाली। बुधवार को पारित प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को बहाल करने की मांग की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री चौधरी और नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ नारे लगाते हुए कहा कि यह उन्हें नागरिकता के अधिकार से वंचित कर सकता है।
करुणा छत्री ने कहा कि एनसी और कश्मीर आधारित नेतृत्व पर जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके शासन में उन्हें 70 वर्षों तक नागरिकता के अधिकार नहीं मिले, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हम आखिरकार जम्मू-कश्मीर के नागरिक हैं। अब वे फिर से हमारे अधिकार छीनना चाहते हैं, क्योंकि हम मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हिंदू हैं। प्रदर्शनकारियों ने चौधरी का पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों ने अपने समुदाय के विकास को सुनिश्चित करने के लिए जम्मू क्षेत्र के लिए एक अलग राज्य की भी मांग की। सुंदर गोरखा ने कहा कि हम जम्मू क्षेत्र के लिए एक अलग राज्य चाहते हैं, जहां जम्मू के नेता हमारे विकास और वृद्धि को प्राथमिकता दें, क्योंकि हमने एनसी और कश्मीरी-केंद्रित शासनों के तहत बहुत कुछ सहा है।