काठमांडू (हि.स.)। कोशी प्रदेश सरकार के गृह मंत्री को रविवार दोपहर में नेपाल पुलिस ने विराटनगर स्थित उनके निवास से मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। कुछ दिन पहले ही उन्हें जापान के एक विमानस्थल से डिपोर्ट करके नेपाल लाया गया था। इन मंत्री पर अवैध तरीके से जापान जाने और अपने साथ कुछ लोगों को ले जाने का आरोप है। इन मंत्री के साथ जापान गए लोगों को वहीं पर सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है।
कोशी प्रदेश के गृह मंत्री लीला वल्लभ कोइराला ने आज अपनी गिरफ्तारी से पहले ही प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। गिरफ्तारी के बाद कोइराला को विमान से काठमांडू भेजा गया है। सरकार की स्वीकृति के बगैर जापान जाने को लेकर गृह मंत्री कोइराला की काफी आलोचना हो रही थी। वह टोक्यो में आयोजित एक कल्चरल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कुछ लोगों के साथ जापान गए थे। गैर कानूनी दस्तावेज बनाकर अनधिकृत रूप से लोगों को विदेश ले जाने के कारण ही उन्हें टोक्यो विमानस्थल से नेपाल के लिए डिपोर्ट कर दिया गया था, जबकि उनके साथ गए चार लोगों को फर्जी दस्तावेज के साथ वहीं गिरफ्तार किया गया है।
विराटनगर पुलिस के एसपी नारायण प्रसाद चिमारीया ने बताया कि जापान के इमिग्रेशन से कोइराला को डिपोर्ट किए जाने की औपचारिक जानकारी मिलने के बाद यहां उनके खिलाफ मामले की जांच शुरू की गई। इसी दौरान पुलिस ने मंत्री को जापान के लिए फर्जी निमंत्रण पत्र देने और अन्य लोगों को जापान भेजने में सहयोग करने के आरोप में विराटनगर से गिरफ्तार किया गया है। काठमांडू में केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो के आग्रह पर प्रदेश के गृह मंत्री लीला वल्लभ कोइराला को गिरफ्तार करके काठमांडू भेजा जा रहा है।
यह पहली बार है जब मानव तस्करी के आरोप में मंत्री पद पर रहे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। वैसे इसी तरह का आरोप नेपाल के डिप्टी स्पीकर पर भी लगा था और उनको हटाने के लिए सत्तारूढ़ दल ने निर्णय भी किया था, लेकिन महाभियोग लगाने के लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण अब तक यह मामला लंबित है।
कोशी प्रदेश के मुख्यमंत्री हिक्मत कार्की ने बताया कि जापान जाने से पहले गृहमंत्री कोइराला ने औपचारिक जानकारी नहीं दी थी और ना ही कैबिनेट से उनके भ्रमण को मंजूरी मिली थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी से पहले ही कोइराला ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी बीच कोइराला की पार्टी नेकपा एमाले ने उन्हें पार्टी की साधारण सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है।