मुंबई (हि.स.)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति और महाविकास अघाड़ी में कड़ा मुकाबला हाेगा। दाेनाें गठबंधन दलाें ने एक-दूसरे के उम्मीदवाराें के खिलाफ कद्दावर नेताओं काे टिकट देकर मुकाबले काे चुनाैतीपूर्ण बना दिया है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 53 सीटों पर शिवसेना के दोनों गुटों में यह मुकाबला और भी जाेरदार होने वाला है। खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ठाणे की कोपरी-पचपाखड़ी सीट पर शिवसेना यूबीटी के केदार दिघे चुनौती दे रहे हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) राज्य भर में 288 विधानसभा क्षेत्रों में से 53 में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। इन 53 में से 44 मौजूदा विधायक हैं, जिन्होंने अविभाजित सेना के उम्मीदवार के रूप में 2019 का चुनाव जीता था। अब वे प्रतिद्वंद्वी गुट के साथ आमने-सामने होंगे। 2019 में, अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं। इनमें से 41 विधायक शिंदे के साथ चले गए, जबकि 15 ठाकरे के साथ रहे। इस चुनाव में, ठाकरे ने 96 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिसमें उनके प्रति वफादार सभी 15 मौजूदा विधायक शामिल हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री शिंदे ने 78 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है और पालघर से श्रीनिवास वनगा को छोडक़र अपने सभी मौजूदा विधायकों को फिर से नामांकित किया है। चूंकि विधायक रवींद्र वायकर और संदीपन भूमरे लोकसभा के लिए चुने गए थे, इसलिए शिंदे ने उनके परिवार के सदस्यों को क्रमश: जोगेश्वरी पूर्व और पैठण सीट से टिकट दिया है। दोनों उम्मीदवारों को सेना (यूबीटी) द्वारा चुनौती मिलेगी।
53 सीटों में से, सभी की निगाहें ठाणे के कोपरी-पचपाखड़ी पर हैं, क्योंकि यह शिंदे का गृह क्षेत्र है। यहां, उनका मुकाबला शिवसेना (यूबीटी) के केदार दिघे से है, जो शिंदे के गुरु और पूर्व शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दिघे के भतीजे हैं। वर्ली में शिंदे ने उद्धव ठाकरे के बेटे विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारा है। माहिम विधानसभा क्षेत्र में, शिंदे गुट के मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर सेना (यूबीटी) के महेश सावंत को चुनौती देंगे। इसी सीट पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए इस सीट पर भी रोचक मुकाबला होने वाला है। 53 सीटों में से, जहां सेना बनाम सेना की लड़ाई होगी, 20 सीटें मुंबई महानगर क्षेत्र से हैं। कोंकण में, जो कि शिवसेना का एक और पारंपरिक गढ़ है, दोनों गुट छह विधानसभा क्षेत्रों में एक-दूसरे से मुकाबला करेंगे। लोकसभा चुनाव में दोनों सेना 13 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हुईं थीं। इनमें शिंदे की सेना ने सात सीटें जीतीं और ठाकरे ने छह सीटें जीती थीं। विधानसभा चुनाव में कौन सी शिवसेना अधिक सीटें जीतती है, इसका पता 23 नवंबर को मतगणना के दिन ही पता चल सकेगा।