नैनो बबल तकनीक जल उपचार की एक विधि है जो पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए छोटे बुलबुले का उपयोग करती है। महत्वपूर्ण पारिस्थितिक लाभ दूषित पदार्थों को हटाना, घुलित ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना, फाइटोप्लांकटन (शैवाल) को हटाने में मदद करना, बायोफिल्म को कम करना और अंततः जलीय जानवरों के लिए उपयुक्त पानी के गुणों में सुधार करना है।
नैनो बबल तकनीक जल निकायों में बुलबुले के छोटे आकार और दृढ़ता के कारण अधिक समरूप वितरण की ओर ले जा सकती है। दूसरी ओर पारंपरिक प्रणालियां वितरण में कम एकरूपता प्रदर्शित कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप पानी की मात्रा में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण और कीटाणुशोधन निष्पादन हो सकता है।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि चूंकि नैनो बबल प्रौद्योगिकी का उपयोग भारत में जल उपचार के लिए हाल ही में पायलट आधार पर किया गया है, इसलिए जल की गुणवत्ता और पशु स्वास्थ्य पर इस प्रौद्योगिकी के दीर्घकालिक प्रभाव का पता समय के साथ चल सकेगा।