रांची (हि.स.)। सीनियर आईएएस अफसर अलका तिवारी झारखंड की नई मुख्य सचिव बनायी गयी हैं। एल खियांग्ते की सेवानिवृत्ति के बाद इनकी नियुक्ति हुई है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने शुक्रवार काे इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वे झारखंड में राजस्व पर्षद की सदस्य के रूप में पदस्थापित थीं। उनका आज तबादला कर दिया गया और मुख्य सचिव के रूप में पदस्थापित किया गया है। अलका ने राज्य के गुमला जिले के डीसी के रूप में करियर की शुरूआत की थी। 1988 बैच की अफसर अलका तिवारी बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। उनके खाते में कई उपलब्धियां भी शामिल हैं। वे उत्कृष्ट प्रदर्शन और त्रुटिहीन सत्यनिष्ठा के लिए जानी जाती हैं।
अलका तिवारी ने मेरठ विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर किया। इस विषय में टॉपर होने के लिए राज्यपाल ने उन्हें स्वर्ण पदक से नवाजा। उन्होंने एमएससी भी की। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग से “विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन” पाठ्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। अलका तिवारी ने रांची यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री भी हासिल की। इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से “रिथिंकिंग फाइनेंशियल इंक्लूजन” पर एक अल्पकालिक पाठ्यक्रम और ड्यूक यूनिवर्सिटी, यूएसए से “वित्तीय सलाहकारों के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन” पर एक और विशेष पाठ्यक्रम को पूरा किया।
अलका तिवारी ने केंद्र के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी योगदान दिया। वह भारत सरकार के नीति आयोग में सलाहकार, उर्वरक विभाग में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव के पद पर रहीं। नीति आयोग में उन्होंने वित्तीय संसाधन, शिक्षा के महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। देश के उच्च शिक्षा नियामक ढांचे में सुधार और शिक्षण और अनुसंधान के विश्व स्तरीय संस्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति दस्तावेज विकसित किए। उर्वरक कंपनी एफएजीएमआइएल के सीएमडी के रूप में भी योगदान दिया।