पटना (हि.स.)।1991 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी विनय कुमार बिहार के डीजीपी बन चुके है। दो साल का उनका कार्यकाल होगा। इसके पूर्व वे बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग में 30 दिसंबर 2021 से डीजी के पद पर तैनात थे। तत्कालीन डीजीपी आर एस भट्टी की केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति होने के बाद से ही उनके डीजीपी बनने का कयास लगाया जा रहा था। हालांकि उस कयास पर विराम तब लग गया था, जब नीतीश सरकार ने 1990 बैच के सीनियर आईपीएस आलोक राज को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया।
बिहार के नए डीजीपी बने आईपीएस विनय कुमार वैशाली जिला के महुआ थाना क्षेत्र के रामपुरानी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता स्वर्गीय राम एकबाल शुक्ला प्रतिष्ठित शिक्षक थे। माता-पिता की पांच संतानों में विजय कुमार इकलौते हैं। उनकी चार बहने हैं। गांव में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने पटना में रहकर इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यूपीएससी का एग्जाम दिया लेकिन एक साल तक रिजल्ट नहीं आया। इस कारण एक साल बाद विनय कुमार की नौकरी ज्वांइन किये।
उनकी शादी पूर्वी चंपारण जिले के शंकर सरैया गांव के किसान परिवार की पुत्री चित्रा सिंह से हुई थी। करीब दो साल पूर्व उनकी पत्नी का देहांत होने के बाद विनय कुमार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। डीजीपी विनय कुमार को एक पुत्र व एक पुत्री है, दोनो आईआईटीयन हैं। वैशाली के लाल के डीजीपी बनने से लोगों में काफी प्रसन्नता है। उनके गांव में जश्न का माहौल है।
ग्रामीणो ने बताया कि वह काफी मृदुल स्वभाव के हैं। हमेशा लोगों की मदद करते रहे हैं। आईपीएस विनय कुमार पूर्वी चंपारण के साथ बिहार के कई जिलों में एसपी, सीनियर एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी और डीजी के पद तैनात रहे। उनकी पहचान एक कुशल और ईमानदार अधिकारी के रूप में है।लिहाजा उनके डीजीपी बनने से बिहार में लाॅ एंड आर्डर में काफी सुधार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।