फ्रांस को पीछे छोड़ छटवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत

फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विश्व बैंक द्वारा जारी 2017 के अपडेटेड डेटा में इसकी जानकारी दी गई है। इस डेटा के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले साल के आखिर में 2.597 ट्रिलियन डॉलर था, जबकि फ्रांस का 2.582 ट्रिलियन डॉलर था। नोटबन्दी और जीएसटी के आई मंदी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था जुलाई 2017 से फिर से मजबूत होने लगी है, लेकिन भारत की आबादी इस समय 1 अरब 34 करोड़ है और यह दुनिया का सबसे आबादी वाला मुल्क बनने की दिशा में अग्रसर है। फ्रांस की आबादी 6 करोड़ 7 लाख है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत फ्रांस से कई गुना पीछे है।
वर्ल्ड बैंक ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रॉस्पेक्टस रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण आये ठहराव के बाद मैन्युफैक्चरिंग और उपभोक्ता खर्च में आई तेजी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी। एक दशक में भारत की जीडीपी दोगुनी हो चुकी है और संभावना जताई जा रही है कि चीन की रफ्तार धीमी पड़ सकती है, जिससे भारत एशिया का प्रमुख आर्थिक ताकत के तौर पर उभर सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, इस साल भारत की ग्रोथ 7.4 फीसदी रह सकती है और कर सुधार एवं घरेलू खर्चे के चलते 2019 में भारत की विकास दर 7.8 फीसदी पहुंच सकती है। वहीं, दुनिया की औसत विकास दर के 3.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। लंदन स्थित कंसल्टंसी फर्म सेंटर फॉर इकनॉमिक्स ऐंड बिजनेस रिसर्च ने पिछले साल के आखिर में कहा था कि जीडीपी के लिहाज से भारत ब्रिटेन और फ्रांस दोनों को पीछे छोड़ देगा। यही नहीं, 2032 तक भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यव्था बनने की भी संभावना जताई गई है। 2017 के आखिर में ब्रिटेन 2.622 ट्रिलियन की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। इस समय दुनिया में अमेरिका अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक नम्बर पर है, उसके बाद चीन, जापान और जर्मनी का नंबर आता है।

देश -जीडीपी
अमेरिका -$19.390 ट्रिलियन (1,379 लाख करोड़)
चीन -$12.237 ट्रिलियन (963 लाख करोड़)
जापान -$4.872 ट्रिलियन (351 लाख करोड़)
जर्मनी -$3.677 ट्रिलियन (289 लाख करोड़)
यूके -$2.622 ट्रिलियन (202 लाख करोड़)
भारत -$2.597 ट्रिलियन (178 लाख करोड़)
फ्रांस -$2.582 ट्रिलियन (177 लाख करोड़)