डीआरडीओ की बड़ी सफलता: एमबीटी अर्जुन से स्वदेशी लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अचूक प्रहार

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय सेना द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन से सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान एटीजीएम ने बेहद सटीकता के साथ लक्ष्य पर प्रहार किया और उसे ध्वस्त कर दिया। टेलीमेट्री सिस्टम ने मिसाइल के संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया।

इस परीक्षण में एटीजीएम ने बहुत ही सटीकता के साथ अपने निशाने को भेदने में सफलता पाई। डीआरडीओ और भारतीय सेना ने केके रेंज में मेन बैटल टैंक अर्जुन से मिसाइल को दागा। इसे आर्म्ड कॉर्प्स और स्कूल के सहयोग से 28 जून को परीक्षण किया गया।  परीक्षण के दौरान मिसाइल ने एकदम सटीक निशाना लगाया।

ऑल-इंडिजिनस एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को नेस्तनाबुत करने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है। एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण चल रहा है। लेजर गाइडेड एटीजीएम में संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को 1.5 से 5 किलोमीटर के दायरे में मार गिराने की क्षमता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल विकास से एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।