वित्त मंत्री ने की रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 प्रतिशत करने की घोषणा

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज की। इस अवसर पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे।
आर्थिक पैकेज की इस किस्त में कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बकजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर दिया गया है। खासतौर पर रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि खनिज खनन के क्षेत्र में मिनरल इंडेक्स बनाने के साथ साथ पारदर्शी ऑक्शन के जरिए 500 माइनिंग ब्लॉक उपलब्ध करवाए जाएंगे। खदानों से निकाले गए कोयले के उठाव की बुनियादी सुविधाओं पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। कोयला क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को वाणिज्यिक खनन शुरू करने के लिए करीब 50 ब्लाक पेश किए जाएंगे। सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रति टन शुल्क की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि हम कुछ हथियारों की सूची तैयार करने जा रहे हैं, जिन्हें सिर्फ देश में ही खरीदा जाएगा। ये इंपोर्ट नहीं किए जाएँगे नहीं किए जाएंगे।डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के ऑटोमैटिक रूट में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत होगा। इसके अलावा हथियारों व उनके पार्ट्स पर आयात निर्भरता को कम करके मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के साथ साथ ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का कॉर्पोरेटाइजेशन किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि यात्री उड़ानों के लिये भारतीय एयर स्पेस पर लगी पाबंदियों में ढील दी जाएगी, इससे विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा। छह और एयर पोर्ट्स में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जाएगी। 12 एयर पोर्ट्स में प्राइवेट कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा।
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा। उपग्रहों, लॉन्च और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे। कैंसर और दूसरी बीमारियों के किफायती उपचार के लिए पीपीपी आधार पर रिसर्च न्यूक्लियर प्लांट बनाए जाएंगे।