बंगाल में किसकी बनेगी सरकार: पं अनिल पाण्डेय से जानिए ज्योतिषीय विश्लेषण

Astrological Analysis

बंगाल में पहले कांग्रेस की उसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की और फिर 2011 से तृणमूल कांग्रेस की सरकार अब तक चल रही है। 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 294 में से 211 सीटें मिली थी तथा बीजेपी को  कुल 3 सीट मिली थी।

वहीं सीपीएम को 26 सीटें मिली थी कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी तथा अन्य के खाते में 10 सीटें गई थी। इस बार कॉन्ग्रेस सीपीएम सीपीआई और कुछ और दोनों ने मिलकर एक मोर्चा बनाया है तथा ऐसा लगता है कि टीएमसी और बीजेपी अकेले-अकेले ही लड़ेंगे।

बीजेपी ने 2019 के लोकसभा इलेक्शन में जहां पहले के 2 लोकसभा सीट से बढ़कर अट्ठारह पर विजय प्राप्त की थी वहीं पर टीएमसी ने पिछले 34 सीटों के स्थान पर 22 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इस प्रकार 42 में से 40 सीटों का बंटवारा इन्हीं दोनों दलों के बीच में हो गया था। परंतु इस बार कांग्रेसी सीपीएम और अन्य दलों का गठबंधन बनने के कारण मामला इतना आसान नहीं है। बंगाल में किस की ताजपोशी होगी यह पता करने के लिए मैंने आप लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों से प्रश्न कुंडली बनाई। 

पहली प्रश्न कुंडली का प्रश्न है क्या इस बार ममता जी फिर से मुख्यमंत्री बनेगी। यह प्रश्न कुंडली कर्क लग्न की बनी है। प्रथम भाव में कोई ग्रह नहीं है। इसी प्रकार दूसरे तीसरे और चौथे भाव में भी कोई ग्रह नहीं है। पांचवें भाव में केतु छठे भाव में शुक्र सातवें भाव में सूर्य शनि गुरु और बुध है। आठवें भाव में कोई ग्रह नहीं है। नवम भाव में चंद्रमा है ।दशम भाव में मंगल है। एकादश भाव में राहु है तथा द्वादश भाव में कोई ग्रह नहीं है। चुनाव में जीत और हार के विश्लेषण के लिए चौथा भाव अर्थात जनता का भाव छठा भाव अर्थात शत्रुओं का भाव नवम भाव अर्थात भाग्य का भाव तथा जैसा कि हम जानते हैं बंगाल के इलेक्शन में शासन का बहुत असर रहेगा अतः दशम भाव को भी देखना होगा।

इस प्रश्न कुंडली में चौथे भाव में कोई ग्रह नहीं है तथा चौथा भाव तुला राशि का है, जिसका स्वामी शुक्र नवम भाव में बृहस्पति के घर में बैठा हुआ है, बृहस्पति ग्रह शुक्र ग्रह से समभाव रखता है, परंतु शुक्र ग्रह बृहस्पति ग्रह से शत्रु भाव रखता है। इस प्रकार चतुर्थ भाव का स्वामी एक खराब भाव में समरूप में बैठा है। जिसके कारण जनता के अंदर तृणमूल कांग्रेस के बारे में कोई अच्छे विचार नहीं रहेंगे। चतुर्थ भाव पर दशम भाव में बैठे हुए शनि की दशम दृष्टि है। शनि स्वयं अपनी राशि में है तथा मित्र दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। परंतु यह अस्त है। अतः कमजोर है।

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि शनि ग्रह से प्रभावित ताकते टीएमसी का पक्ष बहुत मजबूती से नहीं लेंगीं। शनि ग्रह से प्रभावित ताकतों में मुस्लिम समुदाय तथा क्रिश्चियन समुदाय आता है। दशम भाव में बैठा हुआ मंगल भी अपनी सप्तम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। मंगल यह दृष्टि भी समभाव की दृष्टि है। अतः हम यह कह सकते हैं कि मंगल से प्रभावित ताकतें भी कोई बहुत ज्यादा टीएमसी का पक्ष नही लेंगी।

छठे भाव का स्वामी गुरु सप्तम भाव में अपनी नीच राशि में बैठा हुआ है, परंतु नीच भंग राजयोग बना रहा है। इस भाव में शुक्र बैठा हुआ है जोकि मजबूत नहीं है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि टीएमसी के शत्रु टीएमसी से परास्त नहीं हो पाएंगे।

नवम भाव में चंद्रमा है। नवम भाव का स्वामी भी बृहस्पति ही है यह अपनी नीच राशि में सप्तम भाव में स्थित है, परंतु वहां पर यह नीच भंग राजयोग बना रहा है। इस प्रकार चंद्रमा की स्थिति भी कोई बहुत मजबूत नहीं है। नवम भाव पर शनि की सीधी दृष्टि है परंतु शनि अस्त है, अतः हुआ कोई बड़ा बदलाव करने की स्थिति में नहीं है। नवम भाव का स्वामी बृहस्पति इस कुंडली में अस्त है, अतः हम यह कह सकते हैं कि भाग्य के कारण टीएमसी को कोई फायदा नहीं मिल पाएगा।

दशम भाव में मंगल है, जोकि अपने स्वराशि में है। अर्थात बहुत मजबूत है यह बताता है कि टीएमसी इस इलेक्शन में इस इलेक्शन में सत्ता का भरपूर उपयोग करेगी अगर हम एकादश भाव पर ध्यान दें तो हम यह पाते हैं कि इस घर का स्वामी शुक्र है जो सामान्य स्थिति में है तथा इसमें उच्च का राहु बैठा हुआ है जो अत्यंत मजबूत है अतः हम यह कह सकते हैं इस इलेक्शन में पैसे का बहुत बड़ा खेल होने वाला है।

इस प्रकार इस कुंडली में टीएमसी के पक्ष में दशम भाव तथा एकादश भाव तथा अन्य सभी भाव सामान्य है।

अब हम आते हैं विशोन्तरी  दशा की तरफ। संत्री दशा से प्रणाम देखने के पहले परिणाम देखने के पहले हमें षड्बल साधना कर लेनी चाहिए। षड्बल साधना के अनुसार इस कुंडली में पहले नंबर पर मंगल है दूसरे पर चंद्रमा तीसरे पर शनि चौथे पर सूर्य पांचवें पर बुद्ध छठे स्थान पर शुक्र तथा सातवें स्थान पर गुरु ग्रह है। अर्थात इस कुंडली के विशोन्तरी दशा में अगर मंगल की दोसा आएगी तो सबसे अच्छे फल मिलेंगे और जब गुरु की दशा आएगी तो सबसे खराब प्रणाम परिणाम मिलेंगे।

सन 2016 के इलेक्शन में लोकसभा में विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस ने 211 सीटें जीती थी, उस समय 19 मई को रिजल्ट आए थे, चुनाव 4 अप्रैल से लेकर 5 मई 2016 तक चले थे। विंशोत्तरी दशा के अनुसार 26 मार्च 2016 से 17 अप्रैल 2016 तक शनि की महादशा में बुध के बुद्ध के प्रत्यंतर में शनि का सुक्ष्म दशा चल रही थी।

षड्बल साधना के अनुसार इस कुंडली में शनि टीएमसी के लिए अच्छा ग्रह है तथा बुद्ध सामान्य है। परंतु इसके बाद 17 अप्रैल 2016 से शनि की महादशा में बुद्ध की अंतर्दशा में केतु का प्रत्यंतर चालू हुआ। गिफ्ट केतु ग्रह वर्तमान कुंडली में उच्च का है तथा पंचम भाव में है अतः यह अच्छा फल देगा इस हिसाब से टीएमसी का सही समय प्रारंभ हो गया था तथा 17 अप्रैल इसी अवधि में बड़ा था दो ग्रहों की के अच्छे होने के कारण टीएमसी को भारी विजय मिली।

भारतवर्ष में लोकसभा के इलेक्शन 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 तक चले थे। मतगणना 23 मई को हुई थी, आइए अब इसका अध्ययन करते हैं।

वर्तमान प्रश्न कुंडली में शनि की महादशा में केतु की अंतर्दशा में गुरु का प्रत्यंतर 26 मार्च 2019 से 18-5-2019 तक था। इस समय अवधि में गुरु ने खराब फल दिया और लगने लगा की टीएमसी हार सकती है। परंतु 19 मई 2019 से शनि की महादशा में केतु के अंतर शनि का प्रत्यंतर प्रारंभ हुआ। इस प्रकार शनि के कारण टीएमसी पार्टी को राहत मिली और उसको 22 सीटें प्राप्त हुई।

अब चर्चा करते हैं वर्तमान विधानसभा की होने वाले इलेक्शन के बारे में।

जैसा कि विभिन्न माध्यमों से पता चल रहा है की इस वर्ष इलेक्शन मार्च या अप्रैल के महीने में पूरे कर लिए जाएंगे। ऐसा अप्रैल में होने वाले स्कूल और कॉलेजों की विभिन्न परीक्षाओं के कारण किया जा रहा है। हम भी इलेक्शन के संबंध में मार्च और अप्रैल महीने  को ही लेकर गणना कर रहे हैं।

इस प्रश्न कुंडली में शनी में शुक्र में राहु की प्रत्यंतर दशा 5 नवंबर 2020 से 26 अप्रैल 2021 तक है इसके उपरांत 27 अप्रैल 2021 से शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में गुरु का प्रत्यंतर प्रारंभ हो जाएगा जो कि 27 सितंबर 2021 तक है।

शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में राहु के प्रत्यंतर दशा में शुक्र की सूक्ष्म दशा 24 मार्च 2021 तक है। इस अवधि में शनि और राहु टीएमसी के पक्ष में हैं तथा शुक्र विपक्ष में है इस प्रकार 24 फरवरी 2021 से 24 मार्च 2021 तक टीएमसी का प्रदर्शन तथा बीजेपी का प्रदर्शन बराबर रहेगा।

इसके उपरांत सूर्य की सूक्ष्म दशा आएगी जो कि 25 मार्च से 3 अप्रैल तक है। यह समय भी बराबरी का है। इसके उपरांत 3 अप्रैल 2021 से 16 अप्रैल 2021 तक चंद्रमा की तथा 17 अप्रैल 2021 से 27 अप्रैल 2021तक मंगल की सूक्ष्म दशा रहेगी। इस अवधि में टीएमसी की साख बढ़ेगी। राहु का प्रत्यंतर होने के कारण इस अवधि में काफी मारकाट रहेगी।

27 अप्रैल 2021 से शनि में शुक्र में गुरु का प्रत्यंतर प्रारंभ होगा जोकि 27 सितंबर 2021 तक रहेगा। यह पूरा समय टीएमसी के लिए ठीक नहीं है। अतः अगर इस समय में रिजल्ट डिक्लेअर होते हैं तो टीएमसी हार जाएगी। अर्थात अगर रिजल्ट 17 अप्रैल से 26 अप्रैल के बीच में घोषित होते हैं तो टीएमसी के जीत की संभावना ज्यादा रहेगी। इसी प्रकार अगर रिजल्ट 27 अप्रैल से 17 मई तक घोषित होते हैं तो टीएमसी की हार होगी।

इसके अलावा 6 अप्रैल के बाद गुरु इस प्रश्न कुंडली के अष्टम भाव में जा रहा है जोकि ममता जी के लिए अच्छा नहीं रहेगा, अतः 6 अप्रैल के बाद का समय गोचर के अनुसार उत्तम नहीं है।

हमारा दूसरा प्रश्न था क्या बंगाल में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा।

यह प्रश्न कुंडली मकर लग्न की बनी है। लग्न में शनि सूर्य गुरु और बुद्ध हैं। चौथे भाव में अपनी राशि में मंगल विराजमान हैं। पांचवें भाव में उच्च के राहु और उच्च के ही चंद्रमा विराजमान हैं। एकादश भाव में केतु एवं द्वादश भाव में शुक्र है। चतुर्थ भाव का मंगल जो कि स्वराशि में है अतः अत्यंत मजबूत स्थिति में है।जो स्पष्ट करता है की जनता का बीजेपी को भरपूर समर्थन मिल रहा है।

छठे भाव में कोई ग्रह नहीं है तथा छठे भाव का मालिक लग्न में अपने सम राशि में बैठा हुआ है। जोकि मजबूत स्थिति में कहा जा सकता है। द्वादश भाव में बैठकर शुक्र इसको मित्र दृष्ट से देख रहा है । इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बीजेपी अपने शत्रुओं पर भारी रहेगी। नवम भाव में भी कोई ग्रह नहीं है और इसका स्वामी भी बुद्ध ही है।

अतः हम कह सकते हैं इसका राशीश ठीक है। इसके ऊपर राहु की दृष्ट है जो कि ठीक नहीं है। साथ ही गुरु की भी दृष्टि है यह भी ठीक नहीं है। परंतु गुरु अस्त है। अतः उसका प्रभाव नहीं होगा। दशम भाव पर में कोई ग्रह नहीं है तथा इसका स्वामी शुक्र है। शुक्र अपने समभाव में बैठा हुआ है। परंतु द्वादश भाव में है अतः हम कह सकते हैं कि बीजेपी को शासन से कोई मदद नहीं मिलेगी।

इसी प्रकार मंगल भी दशम भाव को देख रहा है और इस प्रकार इससे भी बीजेपी को कोई मदद नहीं मिलेगी। शनि अपनी राशि में बैठकर दशम भाव को देख रहा है। यह एक मजबूत स्थिति मैं है। परंतु शनि के अस्त होने के कारण यह भी कोई बहुत ज्यादा मदद नहीं कर पाएगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं की कुंडली के हिसाब से बीजेपी और टीएमसी करीब-करीब बराबर की स्थिति में हैं।टीएमसी का राज्य भाव बहुत बलवान है तथा बीजेपी का जनता का भाव बहुत बलवान है। टीएमसी का भाग्य भाव बलवान है, परंतु बीजेपी अपने शत्रुओं पर भारी है।

अब हम विशोन्तरि दशा का परीक्षण करते हैं। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं लोकसभा का इलेक्शन 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 के बीच हुआ था। परिणाम 23 मई 2019 को घोषित किए गए थे। इस कुंडली के अनुसार मंगल की महादशा में मंगल के अंतर्दशा  में बुध का प्रत्यंतर 11 अप्रैल 2019 से 1 मई 2019 तक था । 2 मई 2019 से मंगल की महादशा में मंगल की अंतर्दशा में केतु का प्रत्यंतर प्रारंभ हुआ तथा यह 10 मई 2019 तक रहा। 11 मई से मंगल की महादशा में मंगल की अंतर्दशा में शुक्र का प्रत्यंतर प्रारंभ हुआ जो कि 11 मई 2019 से 4 जून 2019 तक का रहा।

इस प्रश्न कुंडली में चंद्रमा मंगल एवं बुद्ध बलवान ग्रह है तथा शुक्र थोड़ा कमजोर ग्रह है। इस शुक्र के कारण 23 मई को बीजेपी को बहुत अच्छे परिणाम नहीं मिल पाए। परंतु मंगल की महादशा और मंगल की अंतर्दशा और शुक्र की प्रत्यंतर दशा मैं शुक्र के के बहुत खराब ना होने के कारण रिजल्ट अच्छे ही रहे।

मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा 12 जुलाई 2020 से प्रारंभ होकर 18 जून 2021 तक रहेगी। इसमें मंगल बीजेपी के लिए फायदेमंद है। परंतु गुरु नुकसान दायक है।

विवेचना को और सघन  करने पर हम देखते हैं की मंगल की महादशा में गुरु के अंतर्दशा में सूर्य का प्रत्यंतर 21 फरवरी 2021 से प्रारंभ हो रहा है तथा यह 9 मार्च 2021 तक रहेगा। यह समय बीजेपी के लिए ठीक नहीं होगा। मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा में चंद्रमा का प्रत्यंतर 10 मार्च 2021 से प्रारंभ होकर 7 अप्रैल 2021 तक है ।यह समय बीजेपी के लिए बहुत अच्छा समय है। 8 अप्रैल 2021 से लेकर 27 अप्रैल 2021 मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा में मंगल का प्रत्यंतर रहेगा जो कि बीजेपी के लिए बहुत ही अच्छा है। 28 अप्रैल 2021 से 17 जून 2021 मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा राहु का प्रत्यंतर है। यह दशा भी बीजेपी के लिए ठीक रहेगी।

अगर हम इसकी और सूक्ष्म विवेचना करें तो पाते हैं कि मंगल की महादशा में गुरु की अंतर्दशा में राहु के प्रत्यंतर में राहु की दशा  सूक्ष्म दशा 28 अप्रैल 2021 से 4 मई 2021 तक है। अतः यह समय बीजेपी के लिए अनुकूल है। इसके उपरांत मंगल की महादशा में गुरु के अंतर्दशा में राहु के प्रत्यंतर में गुरु की सूक्ष्म दशा 5 मई 2021 से 11 मई 2021 तक है।

यह दशा बीजेपी के लिए सामान्य रहेगी। इसके उपरांत मंगल की महादशा में गुरु के अंतर्दशा में राहु की प्रत्यंतर दशा में शनी की  सूक्ष्म दशा 12 मई से 20 मई तक है। जो कि थोड़ा सा पहले से बेहतर होगी तथा इसके उपरांत बुध की सुक्ष्म दशा आएगी जो कि 20 मई से 27 मई तक है। यह दशा बीजेपी के लिए अच्छी रहेगी। इस प्रकार हम कह सकते हैं की विशोन्तरी दशा के मामले में बीजेपी की स्थिति टीएमसी से ज्यादा बेहतर है।

अगर हम गोचर पर ध्यान दें तो 6 अप्रैल से गुरु दूसरे भाव में होगा तथा थोड़ी बेहतर स्थिति में रहेगा। शनि स्वराशि में होकर लग्न में रहेगा जिसका पराक्रम भाव तथा राज्य भाव पर अनुकूल असर रहेगा। सूर्य 14 अप्रैल से उच्च का होकर चतुर्थ भाव में बैठेगा। यह भी बीजेपी के लिए बहुत अच्छा है। अतः हम कह सकते हैं की गोचर बीजेपी के बहुत अनुकूल होगा।

कुंडली के हिसाब से टीएमसी और बीजेपी बराबरी की स्थिति में है। विश्व में 3 दशक के हिसाब से विश्वमित्री दिशा के हिसाब से विश्वमित्री दशा के हिसाब से बीजेपी थोड़ा बेहतर स्थिति में है और गोचर के हिसाब से बीजेपी ज्यादा अच्छी स्थिति में है। अतः हम कह सकते हैं थी कि बंगाल इलेक्शन बीजेपी के पक्ष में है।

ज्योतिषाचार्य पं अनिल पाण्डेय
सागर, मध्य प्रदेश

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