खंडवा (हि.स.)। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में खंडवा-भुसावल रेल खंड पर सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास आर्मी की स्पेशल ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक पर डेटोनेटर फटने के मामले में आरपीएफ ने रेलवे के ही एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। सोमवार को उसे खंडवा की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट जगत प्रताप अटल की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 25 सितंबर तक रिमांड दी है। एक अन्य कर्मचारी से भी पूछताछ की गई है, जिसे नोटिस दिया गया है।
खंडवा आरपीएफ के इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित साबिर रेलवे में मेट है। यह गैंगमैन से ऊंचा पद है। उसका काम रेलवे ट्रैक पर गश्त करने का है। ‘रेलवे संपत्ति (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम की धारा 3 (ए) के तहत डेटोनेटर चोरी करने के आरोप में रविवार को साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था। सिर्फ दो या तीन सरकारी विभागों के पास ये डेटोनेटर होते हैं। इन्हें आरोपी को आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था। साबिर ने पूछताछ में दावा किया है कि घटना वाले दिन वह ड्यूटी पर नहीं था और नशे में था।
घटना 18 सितंबर की है। बुरहानपुर के नेपानगर और खंडवा के बीच स्थित सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर कुछ डेटोनेटर लगे मिले थे। मामला तब गंभीर हो गया था, जब पता चला कि यहां से सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि, ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फट गए। इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई। बताया गया है कि दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सागफाटा से डोंगरगांव के बीच 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट के अंतराल से रखे गए थे। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इसमें आर्मी के अफसर, कर्मचारी और हथियार थे। मामले को रेल मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है।
घटना की जानकारी रविवार, 22 सितंबर को सामने आने के बाद मामले की जांच शुरू की गई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये डेटोनेटर्स हानिकारक नहीं हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि रेलवे नियमित रूप से इन डेटोनेटर का इस्तेमाल करता है। इन्हें क्रैकर भी कहा जाता है। फटने पर तेज आवाज करते हैं। ये ट्रैक पर आगे कोई रुकावट, धुंध या कोहरे के संकेत देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।