अहमदाबाद (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बीएपीएस सुवर्ण कार्यकर महोत्सव काे वर्चुअल माध्यम से सम्बाेधित किया। उन्होंने कहा कि आज प्रमुख स्वामी महाराज की 103वीं जयंती है, मैं उन्हें नमन करता हूं। प्रमुख स्वामी की शिक्षा और संकल्प आज परम पूज्य महंत स्वामी के समर्पण से फलीभूत कार्यक्रम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीएपीएस के कार्यकर्ता पूरी दुनिया में भारत के प्रभाव को ताकत देते हैं। दुनिया के 28 देशों में बीएपीएस भगवान स्वामीनारायण संस्थान के 1800 मंदिर, 21000 से अधिक आध्यात्मिक केंद्र दुनिया जब देखती है तो भारत की आध्यात्मिक विरासत को देखती है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। जब कोई भी भारत से जुड़ जाता है तो उससे मोहित हुए बिना नहीं रहता।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ समय पहले अबू धाबी का मंदिर प्रतिष्ठित हुआ और मैं भी उसमें शामिल हुआ था। दुनिया ने भारत की सांस्कृतिक विविधता देखी है। मैं सभी कार्यकारों को शुभकामनाएं देता हूं। आपकी बड़ी-बड़ी महत्वाकांक्षाएं इतनी आसानी से पूरी हो रही हैं, यह भगवान स्वामीनारायण की तपस्या का ही परिणाम है। आज बीएपीएस विश्व में वही प्रकाश फैला रहा है जिसकी स्थापना उन्होंने की थी। इन कार्यों को नदिया ना पिये कभी अपना जल… गीत की पंक्ति द्वारा समझा जा सकता है। नदी अपना पानी नहीं पीती, पेड़ अपना फल नहीं खाता, अपना फल नहीं खाता, मनका दूजो को जो दान है वो सच्चा इंसान, अरे धरती का भगवान।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब यूक्रेन में युद्ध बढ़ने लगा तो भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को तुरंत निकालने का फैसला किया। पोलैंड पहुंचे भारतीय इस बात पर विचार कर रहे थे कि युद्ध की स्थिति में अधिकतम सहायता कैसे प्रदान की जाए। उस समय मैंने रात 12-1 बजे एक बीएपीएस संत से बात की और कहा, जो भारतीय पोलैंड पहुंच रहे हैं, उन्हें निकालने के लिए मुझे आपकी मदद चाहिए। मैंने रात भर देखा कि संगठन ने पोलैंड पहुंचे लोगों की मदद की। मानवता के हित में आपका यह योगदान सराहनीय है इसलिए कार्यकर सुवर्ण महोत्सव में मैं आपको धन्यवाद देता हूं। आज, बीएपीएस कार्यकर्ता लाखों लोगों का जीवन बदल रहे हैं। आप प्रेरणास्रोत हैं, प्रशंसनीय एवं प्रशंसनीय हैं।
इससे पूर्व मंच पर पहुंचे महंत स्वामी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का माला पहनाकर स्वागत किया गया। अमित शाह और भूपेन्द्र पटेल ने महंत स्वामी का आशीर्वाद लिया। पूरा स्टेडियम जय स्वामीनारायण के उद्घोष से गूंज उठा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वडोदरा से 10 हजार, सूरत से 4 हजार, अहमदाबाद-गांधीनगर से 30 हजार, राजकोट से 2600 और अन्य राज्यों से 1 लाख कार्यकर्ता अहमदाबाद पहुंचे।