रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज 24 जनवरी 2025 को साउथ ब्लॉक नई दिल्ली से ‘संजय-युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (बीएसएस)’ को हरी झंडी दिखाई। संजय एक स्वचालित प्रणाली है जो सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से जानकारी को एकीकृत करती है, उनकी सत्यता की पुष्टि करने के लिए उन्हें संसाधित करती है, दोहराव को रोकती है और उन्हें सुरक्षित सेना डेटा नेटवर्क और सैटेलाइट संचार नेटवर्क पर युद्धक्षेत्र की निगरानी परिदृश्य बनाने के लिए संबद्ध करती है। यह युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता को बढ़ाएगा और एक केंद्रीकृत वेब एप्लिकेशन के माध्यम से भविष्य के युद्धक्षेत्र में बदलाव करेगा जो कमांड और सेना मुख्यालय और भारतीय सेना निर्णय प्रणाली को जानकारी प्रदान करेगा।
बीएसएस अत्याधुनिक सेंसर और अत्याधुनिक एनालिटिक्स से लैस है। यह लंबी भूमि सीमाओं की निगरानी करेगा, घुसपैठ को रोकेगा, अद्वितीय सटीकता के साथ स्थितियों का आकलन करेगा और खुफिया, निगरानी और टोही में अहम भूमिका निभाएगा। यह कमांडरों को नेटवर्क केंद्रित वातावरण में पारंपरिक और उप-पारंपरिक दोनों तरह के ऑपरेशन में काम करने में सक्षम बनाएगा। इसका समावेश भारतीय सेना में डेटा और नेटवर्क केंद्रितता की दिशा में एक बड़ी छलांग होगी।
संजय को भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा स्वदेशी रूप से और संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह भारतीय सेना के ‘प्रौद्योगिकी समावेश वर्ष’ के अनुसरण में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने की दिशा में एक अनुकूल पारिस्थितिकी प्रणाली बना रहा है। मार्च से अक्टूबर 2025 तक तीन चरणों में इन प्रणालियों को भारतीय सेना के सभी परिचालन ब्रिगेड, डिवीजनों और कोर में शामिल किया जाएगा, जिसे रक्षा मंत्रालय में ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है। 2,402 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रणाली को खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत विकसित किया गया है।
इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, बीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन तथा रक्षा मंत्रालय और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।