नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को सीटीई या कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) लेने की अश्यकता को समाप्त कर दी है। इस आशय की अधिसूचना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वायु अधिनियम और जल अधिनियम के तहत जारी की गई है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार ने नए उद्योगों की स्थापना के लिए पर्यावरण मंजूरी (ईसी) और स्थापना की सहमति (सीटीई) के दोहरे अनुपालन को हटाने की उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर लिया है। अब गैर-प्रदूषणकारी श्वेत श्रेणी के उद्योगों को सीटीई या कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) लेने की बिल्कुल जरूरत नहीं होगी।
मंत्रालय के मुताबिक जिन उद्योगों ने ईसी ले लिया है, उन्हें सीटीई लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न केवल अनुपालन बोझ कम होगा बल्कि अनुमोदनों के दोहराव को भी रोका जा सकेगा। अधिसूचना इन दोनों अनुमोदनों को प्रभावी ढंग से एकीकृत करती है और ईसी में ही सीटीई प्रक्रिया के दौरान विचार किए गए मुद्दों को ध्यान में रखने के लिए इस संबंध में एक मानक प्रक्रिया भी जारी की गई है। ईसी प्रक्रिया के दौरान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से परामर्श किया जाएगा। इसके अलावा सीटीई शुल्क का भुगतान उद्योग को करना होगा, ताकि राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान न हो।