भारत सरकार के केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने सौर प्रणाली, उपकरण और घटक सामान आदेश, 2025 को अधिसूचित किया है। यह मौजूदा सौर फोटोवोल्टिक्स, सिस्टम, उपकरण और घटक सामान (अनिवार्य पंजीकरण के लिए आवश्यकताएं) आदेश, 2017 की जगह लेगा।
इस संशोधित आदेश को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिनियम, 2016 के तहत 27.01.2025 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया है और यह प्रकाशन की तारीख से 180 दिनों के बाद लागू होगा। यह आदेश सौर पीवी मॉड्यूल, सौर पीवी अनुप्रयोगों और स्टोरेज बैटरियों में उपयोग किए जाने वाले इनवर्टर को कवर करता है।
यह संशोधित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (अर्थात, क्यूसीओ, 2025) को सभी संबंधित हितधारकों अर्थात सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माताओं, इन्वर्टर निर्माताओं, स्टोरेज बैटरी निर्माताओं, उत्पादों के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ 24 महीने से अधिक समय तक उचित परामर्श के बाद मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है।
भारत के राजपत्र में प्रकाशन से 60 दिन पहले डब्ल्यूटीओ-टीबीटी (व्यापार में तकनीकी बाधा) वेबसाइट (https://www.epingalert.org/) पर मसौदा अधिसूचना अपलोड करके विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों से भी टिप्पणियाँ मांगी गई थीं।
संशोधित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश टिकाऊ ऊर्जा विकास के लिए उच्च गुणवत्ता वाले और कुशल सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) उत्पादों को बढ़ावा देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। संशोधन का उद्देश्य उत्पाद की विश्वसनीयता बढ़ाना, सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करना है।
आदेश की मुख्य बातें
अनिवार्य मानक
- सौर पी.वी. मॉड्यूल, इनवर्टर और स्टोरेज बैटरियों को नवीनतम भारतीय मानकों (बी.आई.एस. द्वारा अधिसूचित) के अनुरूप होना चाहिए तथा बी.आई.एस. से लाइसेंस के तहत मानक चिह्न धारण करना चाहिए।
- सौर पीवी मॉड्यूल के लिए न्यूनतम दक्षता मानदंड (@ मानक परीक्षण शर्तें) पेश किए गए हैं जो इस प्रकार हैं:
- मोनो क्रिस्टलीय सिलिकॉन और पतली फिल्म पीवी मॉड्यूल के लिए 18 प्रतिशत
- पॉली क्रिस्टलीय सिलिकॉन पीवी मॉड्यूल के लिए 17 प्रतिशत
प्रयोज्यता
- यह आदेश सौर पीवी प्रणालियों और घटकों के निर्माताओं, आयातकों, वितरकों, खुदरा विक्रेताओं, विक्रेताओं और पट्टादाताओं पर लागू होता है।
- केवल निर्यात के लिए बने उत्पादों को छूट दी गई है।
प्रमाणन और प्रवर्तन
- भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) लाइसेंस देने और आदेश के प्रवर्तन की देखरेख करेगा। बाजार की निगरानी बीआईएस या मंत्रालय के परामर्श से बीआईएस द्वारा अधिसूचित एजेंसी द्वारा की जाएगी।
समवर्ती संचालन
- क्यूसीओ, 2017 के अंतर्गत मौजूदा लाइसेंस वैध बने रहेंगे तथा नवीनीकरण और नए पंजीकरण क्यूसीओ 2025 द्वारा नियंत्रित होंगे।
गैर-अनुपालन के लिए जुर्माना
- इस आदेश के प्रावधानों का कोई भी उल्लंघन भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के अंतर्गत दंडनीय होगा।
सार्वजनिक हित को बढ़ावा देना
- ये संशोधित मानक और विनिर्देश भारत के बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में सुरक्षित, उच्च प्रदर्शन वाले सौर उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।
नवाचार और दक्षता पर ध्यान केंद्रित
संशोधित क्यूसीओ 2025 में क्रिस्टलीय सिलिकॉन और पतली फिल्म फोटोवोल्टिक मॉड्यूल सहित सौर पीवी प्रौद्योगिकियों के लिए विस्तृत परीक्षण और दक्षता आवश्यकताओं को पेश किया गया है। यह वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए इनवर्टर और स्टोरेज बैटरी के लिए कठोर सुरक्षा उपायों को भी निर्दिष्ट करता है।