उद्यमिता और नवाचार को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत के अग्रणी व्यापार समूहों में से एक आईटीसी लिमिटेड के साथ अहम साझेदारी की है।
यह सहयोग देश भर में स्टार्टअप्स के लिए सुगठित बाजार सृजित करने और स्टार्टअप विकास तथा तकनीकी प्रगति में तेजी लाने के साझा दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) विशेष रूप से गतिशील साझेदारी का माहौल तैयार करेगा जिसमें आईटीसी के व्यापक बाजार नेटवर्क के विशाल अनुभव और विशेषज्ञता देश भर में स्टार्टअप्स को सहयोग देने में डीपीआईआईटी की पहल का पूरक बनेगी।
साझेदारी के तहत आईटीसी, विनिर्माण निष्पादन प्रणालियों (एमईएस) के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, विनिर्माण स्थलों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा अवसरों का संयोजन, ऊर्जा भंडारण प्रणालियों आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में स्टार्टअप समाधान उपलब्ध कराएगा।
इस प्रो-स्टार्टअप पहल के बारे में जानकारी देते हुए डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि यह भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के साथ संरेखित है। इसके अलावा यह नवाचार-आधारित उद्यमिता द्वारा समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देकर विजन 2047 की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। संजीव ने कहा कि हम स्टार्टअप के अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए आकलन योग्य समाधान और परिवर्तनकारी विकास को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।
आईटीसी कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन स्टार्टअप और आईटीसी दोनों का महत्व बढ़ाएगा। यह डिजिटल उपयोग से भविष्य उपयोगी विनिर्माण और परिचालन उत्कृष्टता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही इससे आईटीसी के संधारणीय विस्तार के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित होगा।