नई दिल्ली (हि.स.)। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप और सेबी के चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप जरूर लगाए गए हैं लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स ने इस रिसर्च रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट ने आज कारोबार की शुरुआत में शेयर बाजार पर मामूली असर जरूर डाला था लेकिन शुरुआती 1 घंटे के कारोबार में ही बाजार ने रिकवरी शुरू कर दी थी। बाजार की रिकवरी का सबसे अहम कारण हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में विश्वसनीयता की कमी होना बताया जा रहा है।
एडलवाइज फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ एनालिस्ट मोहन सुतार का मानना है कि हिंडनबर्ग के किसी भी आरोप में कोई दम नहीं है। इसके पहले भी इस अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की कथित रिसर्च रिपोर्ट की वजह से घरेलू शेयर बाजार को काफी झटका लग चुका है। पहले भी हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट के बाद बाजार में बने पैनिक का फायदा उठाते हुए जमकर शॉर्ट सेलिंग की थी। इसके पहले भी यह कंपनी 18 बार अपने अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट के जरिए दुनिया की अलग-अलग कंपनियों को निशाना बनाती रही है और शॉर्ट सेलिंग करके बड़ा मुनाफा कमाती रही है। मोहन सुतार का कहना है कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट की वजह से भी भारतीय निवेशकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसलिए अब भारतीय निवेशक इस शॉर्ट सेलर फर्म की नीतियों के प्रति सतर्क हो चुके हैं। यही कारण है कि आज बाजार में शुरुआती गिरावट के बावजूद थोड़ी ही देर में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने रिकवरी करके हरे निशान में अपनी जगह बना ली।
मोहन सुतार की तरह ही राठी सिक्योरिटीज एंड फंड्स लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट सुरेंद्र राठी का कहना है कि निवेशकों को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना चाहिए, क्योंकि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों पर सेबी के चेयरपर्सन और अडानी ग्रुप दोनों ने अपनी सफाई दे दी है। इस सफाई से स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग ने सतही जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है और उसके जरिए भारतीय बाजार में एक बार फिर पैनिक बनाने की कोशिश की है।
अलग-अलग एक्सपर्ट्स की तरह ही एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने भी एक बयान जारी करके कहा है कि हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोप भारत के कैपिटल मार्केट को नीचा दिखाने की एक कोशिश है। इस रिपोर्ट के जरिए देश की अर्थव्यवस्था और आर्थिक तरक्की को भी नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। अपनी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने सिर्फ घरेलू शेयर बाजार में सनसनी फैलाने की कोशिश की है, जिससे कि पहले की तरह ही भारतीय बाजार में हड़कंप जैसा माहौल बनाया जा सके। एएमएफआई के बयान में कहा गया है कि भारत ने एक रेगुलेटरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जो न केवल ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस और स्टैंडर्ड के मुताबिक काम करता है बल्कि ये छोटे निवेशकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है और उनके विश्वास को भी बनाए रखता है। एएमएफआई की ओर से कहा गया है कि हिंडनबर्ग के आरोप देश की आर्थिक उपलब्धियों को बदनाम करने की कोशिश हैं। इसलिए इन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना चाहिए।