रांची (हि.स.)। केंद्रीय कृषि मंत्री सह झारखंड के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चम्पाई सोरेन ने झारखंड के निर्माण के लिए अपनी जिंदगी और जवानी खपा दी। राज्य की जनता की सेवा में दिन रात एक कर दी। ऐसे ही लोगों के परिश्रम का परिणाम है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग झारखंड का निर्माण किया।
शिवराज ने कहा कि चम्पाई सोरेन एक ऐसे नेता हैं, जो जीवन भर झारखंड के लिए लड़े और समर्पित भाव से जनता की सेवा की। झारखंड को बचाने के लिए, माता बहनों के सम्मान की रक्षा के लिए इन्होंने भाजपा के साथ आने का निर्णय लिया है। उनके आने से निश्चित तौर पर पार्टी को ताकत और ऊर्जा मिलेगी। ऐसे नेता चम्पाई सोरेन और उनके साथियों का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत और अभिनंदन है। चौहान शुक्रवार काे रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। शिवराज सिंह चौहान, हिमंता बिस्वा सरमा, बाबूलाल मरांडी ने इन्हें सदस्यता दिलाई।
भाजपा की सरकार आने पर चम्पाई जासूसी प्रकरण का होगा हिसाब-किताब: हिमंता
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड देश में एक ऐसा प्रदेश है, जहां के मुख्यमंत्री ही अपने मंत्री के पीछे जासूस लगाते हैं। हेमंत सोरेन सरकार ने कहा कि सिक्योरिटी की वजह से ऐसा किया गया था तो सवाल है कि सिक्योरिटी वाले पुलिस के हाथ में बंदूक क्यों नहीं था। चम्पाई सोरेन झारखंड आंदोलन के नेता हैं और शिबू सोरेन के साथ इन्होंने संघर्ष किया है। इनकी जासूसी कराना शर्मनाक है।
हिमंता ने कहा कि चम्पाई सोरेन की जासूसी पिछले छह महीने से कराई जा रही है। इससे संबंधित मेरे पास सबूत है। बीजेपी की सरकार आने पर इस जासूसी प्रकरण का सारा हिसाब-किताब किया जाएगा। आईजी प्रभात कुमार से भी इसका हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चंपई सोरेन को सम्मान दिया है और हमेशा सम्मान दिया जाएगा। बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा के साथ मिलकर चम्पाई झारखंड के विकास और उत्थान के लिए काम करेंगे।
आदिवासियों को सबसे अधिक मान और सम्मान भाजपा ने दिया: बाबूलाल
प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस प्रदेश में साढ़े चार वर्षों में जिस प्रकार से हेमंत सरकार ने काम किया है, वह किसी से छुपा नहीं है। हर मोर्चे पर हेमंत सरकार फिसड्डी साबित हुई है। जेएमएम के लोग और विधायक भी इस सरकार में अपमानित महसूस कर रहे हैं। जेएमएम के विधायक से बात होती है तो वे लोग कहते हैं कि बड़ा अपमानित महसूस कर रहे हैं। वे लोग कहते हैं कि हम लोग का कोई वजूद ही नहीं रह गया है। इस सरकार में दलाल बिचौलियों, भ्रष्ट अफसरों की पूछ है। सरकार को यही लोग चला रहे हैं। हेमंत सोरेन इसके सरगना हैं।
बाबूलाल ने कहा कि चम्पाई सोरेन बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने समय पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा ही आदिवासियों और मूलवासियों के दर्द को महसूस करती है। इसलिए इनका कोई भला कर सकता है तो वह भाजपा ही है। मरांडी ने कहा कि मोदी और भाजपा के दिल में झारखंड बसता है। भाजपा के दिलों में यहां के आदिवासी और मूलवासी बसते हैं। आदिवासियों का, मूलवासियों का, झारखंड का कोई विकास कर सकता है तो वह भारतीय जनता पार्टी है। झारखंड में अब चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है। आप सभी यहां से संकल्प लेकर जाएं कि इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना है और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनाकर झारखंड में एक नया सवेरा लाना है।
आदिवासी मूलवासी के अस्तित्व को बचाने के लिए भाजपा से बेहतर कोई मंच नहीं: चम्पाई
भाजपा ज्वाइन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि जिस पार्टी को हमने गुरुजी के साथ मिलकर सींचने का काम किया, आज परिस्थिति ऐसी बनी कि यह कदम उठाना पड़ा। मेरे साथ जो अपमान हुआ, पार्टी के अंदर कोई भी ऐसा मंच नहीं था जहां हम अपनी पीड़ा को रख पाते। पांच साल से केंद्रीय कमेटी का गठन नहीं हुआ है, बैठक नहीं हो रहा है। हमसे सीनियर गुरुजी हैं, वे अस्वस्थ हैं, उसके बाद कोई नहीं है।
चम्पाई ने कहा कि जिस पार्टी को सींचा, उसको क्षति नहीं पहुंचाने का निर्णय लेते हुए हमने वहां से अकेले निकलने का फैसला किया। आज जिस तरह आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है और उनका अस्तित्व खतरे में है, उसे देखते हुए मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है। बीजेपी पर पूरा भरोसा है कि हम इस मंच से लड़ पाएंगे और आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने में कामयाब होंगे। चम्पाई सोरेन ने कहा कि मैं साफ दिल का हूं। ईमानदारी और संघर्ष ही मेरी राजनीतिक पूंजी है। कभी सोचा नहीं था कि मेरी जासूसी भी कराई जाएगी।
इस दौरान प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, अर्जुन मुंडा, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, आदित्य साहू, दीपक प्रकाश, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, समीर उरांव, नवीन जायसवाल, मधु कोड़ा, गीता कोड़ा, सीता सोरेन, दिनेशानंद गोस्वामी सहित हजारों की संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।