Wednesday, February 19, 2025
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श्रम मंत्रियों ने की श्रम सुधारों, ईएसआईसी चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में सुधारों पर चर्चा

नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों और सचिवों की बैठक के पहले दिन श्रम सुधारों, ईएसआईसी चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में सुधारों पर चर्चा हुई। इस दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे, श्रम सचिव सुश्री सुमिता डावरा, विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्री उपस्थित थे।

डॉ. मांडविया ने बैठक मे अपने सम्बोधन में 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आवश्यक श्रम सुधारों को शुरू करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सभी नीतिगत निर्णयों के मूल में श्रमिकों के कल्याण और औद्योगिक विकास के बीच एक बेहतरीन संतुलन बना रहना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सहकारी संघवाद की भावना से उनके द्वारा किए गए सुधारों पर जानकारी-साझाकरण में भाग लेने का आग्रह किया, और उनके इनपुट को भारत में रोजगार और श्रम सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्य योजना में बदल दिया जाएगा।

दो दिनों तक चलने वाली यह बैठक श्रम सुधारों, संगठित और असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, जिसमें गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारी शामिल हैं और ईएसआईसी चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा सेवाओं के विस्तार की नींव रखने पर केंद्रित हैं। श्रम बाजार में मांग और आपूर्ति के संतुलन के लिए हस्तक्षेपों पर समान ध्यान दिया जा रहा है, राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल और मॉडल करियर केंद्रों (एमसीसी) आदि के माध्यम से रोजगार सृजन और रोजगार क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में, ये बैठकें श्रम संहिताओं के अनुरूप राज्यों द्वारा किए गए सुधारों को प्रदर्शित करने और क्रॉस लर्निंग और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।

पहले दिन, चर्चा (i) श्रम सुधारों; (ii) ईएसआईसी चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में सुधार; और (iii) राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल और मॉडल करियर केंद्रों (एमसीसी) सहित पहलों पर केंद्रित थी।

श्रम सुधार

कई राज्यों ने मौजूदा अधिनियमों के तहत श्रम संहिताओं के अनुरूप सुधार किए हैं। इन सुधारों का उद्देश्य व्यापार करने में अधिक आसानी, अनुपालन बोझ में कमी, अपराधीकरण में कमी, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और अन्य रोजगार और श्रम संबंधी हस्तक्षेपों को बढ़ावा देना है, जिससे श्रम नियमों का एक अधिक अनुकूल ईकोसिस्टम बन सके। इस तरह के हस्तक्षेप रोजगार सृजन और श्रम कल्याण दोनों को बढ़ावा देते हैं, जो हमें 2047 तक विकसित भारत के मार्ग पर ले जाते हैं।

गौरतलब है कि अठारह से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही अधिकांश सुधारों को लागू कर दिया है और 32 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चार श्रम संहिताओं के तहत मसौदा नियमों को पूर्व-प्रकाशित कर दिया है, जबकि शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने इस वर्ष के दौरान संतोषजनक प्रगति की है। सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 31 मार्च 2025 तक श्रम संहिताओं के अनुरूप सामंजस्यपूर्ण मसौदा नियमों का पूर्व-प्रकाशन पूरा करने की उम्मीद है।

ईएसआईसी चिकित्सा सुविधाएं एवं स्वास्थसेवा ढांचे में सुधार

(i) पीएम-एबीजेएवाई के साथ ईएसआईसी का सम्मिलन (ii) प्राथमिक/द्वितीयक चिकित्सा देखभाल के लिए राज्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) का उपयोग; (iii) राज्य ईएसआई सोसाइटी का गठन; (iv) ईएसआईएस अस्पतालों/औषधालयों में धन्वंतरि मॉड्यूल का कार्यान्वयन और (v) मेडिकल कॉलेजों और धर्मार्थ अस्पतालों को ईएसआईसी अस्पतालों के रूप में नामित करना, आदि पर केंद्रित चर्चा भी दिन के मुख्य आकर्षणों में से एक थी।

पीएम-एबीजेएवाई अस्पतालों, पीएचसी/सीएचसी सहित मौजूदा स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए, आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के उन्नयन के साथ, व्यापक लाभ प्रदान करने पर खासकर अल्पसेवित क्षेत्रों में जोर दिया गया।

नियोजन क्षमता और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना

पहले दिन, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दो महत्वपूर्ण पहलें शुरू कीं – व्यवसायिक कमी सूचकांक (ओएसआई) और ई-श्रम पहल के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश माइक्रोसाइट्स। ओएसआई एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य श्रम बाजार की मांग और आपूर्ति का मिलान करना और पूरे भारत में रोजगार परिणामों को बढ़ाना है। ई-श्रम माइक्रोसाइट्स दो-तरफ़ा एकीकरण को सुगम बनाएंगी और असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण, रोजगार के अवसरों, कौशल कार्यक्रमों आदि तक निर्बाध पहुंच के लिए एक-स्टॉप-समाधान प्रदान करेंगी।

सत्र के दौरान, राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल और मॉडल करियर सेंटर (एमसीसी) सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देने में राज्यों की भूमिका प्रस्तुत की गई। राज्यों से रोजगार पोर्टलों के डिजिटलीकरण और प्राथमिकता के आधार पर एनसीएस के साथ एकीकरण को पूरा करने का आग्रह किया गया ताकि नौकरी चाहने वाले करियर संबंधी सेवाओं और करियर परामर्श और रोजगार सुविधा के लिए भौतिक केंद्रों के वन-स्टॉप समाधान से व्यापक रूप से लाभान्वित हो सकें।

पहले दिन प्रतिभागियों द्वारा कई उपयोगी अंतर्दृष्टि और सुझाव साझा किए गए। मंत्रालय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से केंद्रित तरीके से सुधारों को लागू करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार कर रहा है।

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