नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विलमिंगटन, डेलावेयर में क्वाड लीडर्स समिट के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित क्वाड कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कैंसर परीक्षण, स्क्रीनिंग और निदान के लिए 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान की घोषणा की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, रोग का पता लगाने और उपचार के उद्देश्य से राष्ट्रपति बाइडेन की इस विचारशील पहल की गहराई से सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम इंडो-पैसिफिक देशों में लोगों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में लंबा रास्ता तय करेगा। उन्होंने कहा कि भारत देश में बड़े पैमाने पर सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम भी चला रहा है। भारत के स्वास्थ्य सुरक्षा प्रयासों की बात करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि देश ने सर्वाइकल कैंसर का टीका विकसित किया है और इस बीमारी के लिए एआई आधारित उपचार प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है।
कैंसर मूनशॉट पहल में भारत के योगदान के रूप में प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत इंडो-पैसिफिक में कैंसर की रोकथाम के लिए रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण के लिए सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि GAVI और QUAD कार्यक्रमों के तहत भारत से वैक्सीन की 40 मिलियन खुराक की आपूर्ति से इंडो-पैसिफिक देशों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब क्वाड कार्य करता है, तो यह केवल राष्ट्रों के लिए नहीं होता है, यह लोगों के लिए होता है और यही इसके मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का वास्तविक सार है।”
भारत डबल्यूएचओ की डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल में अपने 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान के माध्यम से कैंसर की जांच, देखभाल और निरंतरता के लिए डीपीआई पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा।
कैंसर मूनशॉट पहल के माध्यम से क्वाड नेताओं ने इंडो-पैसिफिक देशों में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की देखभाल और उपचार पारिस्थितिकी तंत्र में अंतराल को दूर करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर एक संयुक्त कैंसर मूनशॉट फैक्ट शीट जारी की गई।