नई दिल्ली (हि.स.)। सात महीने के प्रतिबंध के बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस ने एक बार फिर गुरुवार से भारत में कारोबार की शुरुआत कर दी। एक्सचेंज की वेबसाइट और ऐप को भी लाइव कर दिया गया है, जिसके बाद भारत में इस क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए निवेशकों ने कारोबार करना शुरू कर दिया है।
इस एक्सचेंज पर फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इन इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) के पास रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से पिछले 7 महीने से बैन लगा हुआ था। एक्सचेंज की ओर से आज ऐलान किया गया कि उसने ग्लोबल रेगुलेटरी माइलस्टोन की सभी शर्तों को पूरा कर लिया है और वो भारत या किसी भी दूसरे देश के एंटी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सभी कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले साल दिसंबर में बाइनेंस, ओकेएक्स, होबी और कू-कॉइन जैसे 9 ऑफशोर एक्सचेंज प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप काम करते हुए नहीं पाए गए थे। इसके साथ ही इन एक्सचेंजों ने एफआईयू-आईएनडी के पास रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया था। इस वजह से केंद्र सरकार के निर्देश पर इन सभी 9 क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के यूआरएल को भारत में ब्लॉक कर दिया गया था। इसके साथ ही इन एक्सचेंजों के ऐप्स को भी एप्पल और गूगल के ऐप स्टोर से हटा दिया गया था। नियमों का उल्लंघन करने की वजह से एफआईयू-आईएनडी ने बाइनेंस पर एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 19 जून को 18.82 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। बाइनेंस के अलावा इसकी दूसरी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर भी जुर्माना लगाने का फैसला किया गया था। इसके बाद कू-कॉइन ने जुर्माना अदा करके अपने कारोबार की शुरुआत कर दी थी, जबकि ओकेएक्स ने 30 अप्रैल से ही भारत में अपनी सभी सेवाओं को बंद कर दिया था। अब बाइनेंस ने भी भारतीय कानून का पालन करने की बात को लेकर प्रतिबद्धता जताई है और आज से भारत में अपने कारोबार की शुरुआत कर दी।
क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस के अनुसार भारत में एफआईयू-आईएनडी के पास रजिस्ट्रेशन करा लेने के बाद बाइनेंस के कारोबारी सफर की आज से एक बार फिर शुरुआत हो गई है। एक्सचेंज की ओर से कहा गया है कि 2023 के ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स के अनुसार भारत में क्रिप्टो करेंसी सेक्टर में ग्रोथ होने की काफी संभावना है। फिलहाल भारत सेंट्रलाइज्ड और डि-सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज के जरिए ट्रांजेक्शन वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया भर के टॉप 5 देश में शामिल है। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी मार्केट के ग्रोथ की कितनी अधिक संभावना है।