नई दिल्ली (हि.स.)। भारत और नाइजीरिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, सीमा शुल्क सहयोग और सर्वेक्षण सहयोग पर तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 से 18 नवंबर 2024 तक नाइजीरिया की राजकीय यात्रा पर हैं। आज उन्होंने अबुजा में नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के साथ आधिकारिक वार्ता की। दोनों नेताओं के बीच एक निजी बैठक हुई, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार वार्ता में दोनों नेताओं ने संबंधों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए इस बात पर सहमत जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने नाइजीरिया को कृषि, परिवहन, सस्ती दवा, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल परिवर्तन में भारत के अनुभव की पेशकश की। राष्ट्रपति टीनूबू ने भारत द्वारा पेश विकास सहयोग साझेदारी और स्थानीय क्षमता, कौशल और पेशेवर विशेषज्ञता बनाने में इसके सार्थक प्रभाव की सराहना की।
दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद, समुद्री डकैती और कट्टरपंथ से संयुक्त रूप से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
राष्ट्रपति टीनूबू ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट्स के माध्यम से विकासशील देशों की चिंताओं को बढ़ाने के भारत के प्रयासों को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने ग्लोबल साउथ की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री ने पश्चिमी अफ्रीकी देशों के आर्थिक संगठन के अध्यक्ष के रूप में नाइजीरिया द्वारा निभाई गई भूमिका और बहुपक्षीय और बहुलवादी निकायों में इसके योगदान की सराहना की। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन में नाइजीरिया की सदस्यता का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति टीनूबू को भारत द्वारा शुरू की गई अन्य ग्रह-समर्थक हरित पहलों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।