रेलवे की सुविधाओं को विस्तार के उद्द्येश्य से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिससे रेल परिचालन एवं संरक्षा में उतरोत्तर वृद्धि हो रही है। इसी कदम में पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है।
रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में विभिन्न अधोसरंचना के कार्यों को समय पर निष्पादित किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत तीनों मण्डलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। यह कार्य रेलवे के इंजीनियरिंग, संकेत एवं दूरसंचार, परिचालन और विद्युत विभाग के सामूहिक प्रयासों से किया जा रहा है।
चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह अर्थात अप्रैल से जुलाई माह में पश्चिम मध्य रेल ने विभिन्न रेल यार्ड तथा टर्न आउट लोकेशन में 154 थिक वैब स्विच स्थापित किये है। अकेले जुलाई माह की बात करें तो 14 थिक वैब स्विच स्थापित किये है। जिसमें जबलपर मण्डल में 9 थिक वैब स्विच, भोपाल मण्डल में 2 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल में 3 थिक वैब स्विच रेल लाईनों में स्थापित किये गए है।
गौरतलब है कि थिक वैब स्विच लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी। पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते है, अभी तक उसमें परम्परागत स्विच का प्रयोग होता रहा है, लेकिन अब थिक वैब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है।
थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देशय ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घण्टे तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनें की गति 30 किमी प्रति घण्टे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी। इसके साथ ही ट्रेनों के संचालन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कम्पन भी कम होता है।
थिक वैब स्वीच की प्रमुख विशेषताएं
* थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ता है।
* इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट सम्बंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है।
* इस पर अनुरक्षण व्यय पहले की तुलना में कम आता है।
* ट्रैक पर अनुमानित गति बढ़ाई जा सकती है।
* सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिक वैब स्वीच की आधुनिक प्रणाली बहुत विश्वसनीय है।