Sunday, January 19, 2025
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया मुंबई में भारत के अपने तरह के पहले सीएसआईआर मेगा ‘इनोवेशन कॉम्प्लेक्स’ का उद्घाटन

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वर्चुअल मोड के माध्यम से मुंबई में भारत के अपनी तरह के पहले सीएसआईआर मेगा ‘‘इनोवेशन कॉम्प्लेक्स’’ का उद्घाटन किया और इसे स्टार्टअप्स और उद्योगजगत के हितधारकों को समर्पित किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया मुंबई का नया इनोवेशन कॉम्प्लेक्स, नौ मंजिलों में फैला एक विशाल अत्याधुनिक परिसर है, जिसमें 24 ‘‘रेडी टू मूव’’ वाली इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं हैं, साथ ही नवोन्मेषी स्टार्टअप, एमएसएमई, उद्योग और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए सुसज्जित कार्यालय और नेटवर्किंग स्थान भी हैं। यह मेगा सुविधा सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्योग सहित हितधारकों को नियामक प्रस्तुतियां और अनुपालन के लिए आवश्यक एसओपी-संचालित अध्ययनों के लिए उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, विशेषज्ञता और नियामक सहायता प्रदान करेगी।

इस परिसर में नवीन स्टार्ट-अप्स, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, एमएसएमई, भारत और विदेश की डीप-टेक कंपनियों, सार्वजनिक-वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी करने वाली कंपनियों के लिए तैयार विश्व स्तरीय इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं और आईपी/व्यवसाय विकास सहायता शामिल है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘यह उद्घाटन तो बस शुरुआत है। हम भविष्य की संभावनाओं और भारत की विकास गाथा में इस इनोवेशन कॉम्प्लेक्स के योगदान को लेकर उत्साहित हैं।’’

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘हमें दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम होने पर गर्व है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं जो भारत की उद्यमशीलता की भावना के प्रमाण हैं। यह उल्लेखनीय वृद्धि युवाओं को सशक्त बनाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई परिवर्तनकारी पहलों और नीतियों का प्रतिबिंब है।’’

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि सीएसआईआर इनोवेशन कॉम्प्लेक्स, मुंबई, भारत की स्टार्ट-अप यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार अत्याधुनिक सुविधा को इनक्यूबेशन और व्यावसायिक स्थान प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे स्टार्ट-अप, एमएसएमई और उद्योगजगत के हितधारकों को सीएसआईआर के अनुसंधानकर्ताओं और नवप्रवर्तकों के नेटवर्क के साथ सहयोग करने में मदद मिलेगी। यह अत्याधुनिक विज्ञान और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए इसके इस्‍तेमाल के बीच एक सेतु का काम करता है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के विजन में योगदान मिलता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि आईसी-मुंबई नियामक प्रस्तुतियां और अनुपालन के लिए आवश्यक एसओपी-संचालित अध्ययनों के लिए हितधारकों (सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई और उद्योग) को उच्च स्तरीय वैज्ञानिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, विशेषज्ञता और नियामक सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इस सुविधा में नवीन स्टार्ट-अप्स, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, एमएसएमई, भारत और विदेश की डीप-टेक कंपनियों, सार्वजनिक-वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी करने वाली कंपनियों के लिए तैयार विश्व स्तरीय इनक्यूबेशन लैब और आईपी/व्यवसाय विकास सहायता शामिल है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह परिसर स्वास्थ्य सेवा (फार्मा, बायोफार्मा, मेडटेक), रसायन, सामग्री, ऊर्जा और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए रुचि के अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में समर्थन, सहयोग और साझेदारी के लिए एक नवाचार और इनक्यूबेशन केंद्र के रूप में कार्य करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईसी-मुंबई के भौतिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के बारे में बताया कि नौ मंजिलों में फैली यह सुविधा 24 ‘‘रेडी टू मूव’’ इनक्यूबेशन लैब और नवीन स्टार्ट-अप, एमएसएमई, उद्योगों और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए सुसज्जित कार्यालय और नेटवर्किंग स्थानों से सुसज्जित है।

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