आज का दिन ऐतिहासिक है। अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के निर्माण को एक वर्ष पूरा हो गया है, इस अवसर पर सभी को बधाई। साथ ही हमारे पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्व. लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि है। उन्होंने विश्व में जय जवान, जय किसान का नारा देकर अपनी आवाज को बुलंद किया था। हम उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं। हमारा प्रदेश बीमारू प्रदेश के नाम से जाना जाता था। पर्याप्त लाइट नही मिलती थी और बच्चे जब लालटेन की रोशनी से पढ़ाई करते थे, वह समय अब पीछे छूट गया है। पूर्व में यहां 50 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था, आज 5 लाख किलोमीटर से अधिक की अच्छी गुणवत्ता की सड़कें निर्मित हुई हैं। इसी प्रकार पूर्व में जहां 6 लाख हेक्टयेर सिंचित भूमि का रकबा विरासत में मिला था, वह बढ़कर आज 48 लाख हेक्टेयर हो गया है।
उक्ताशय की बात शनिवार को केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्राम गेहूंखेड़ा में 10.84 करोड़ लागत के 4 विद्युत उपकेन्द्रों का लोकार्पण/भूमि-पूजन अवसर पर कही। कार्यक्रम में गेहूंखेड़ा, बनेह, किलामपुर का लोकार्पण एवं औद्योगिक क्षेत्र गुना में विद्युत उप-केन्द्र का भूमि-पूजन किया गया। इस अवसर पर गुना जिले के प्रभारी मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने गुना विधानसभा के ग्राम गेहूंखेड़ा गिर्द में 2.70 करोड लागत के 33/11 केवी 5 एमवीए क्षमता के विद्युत उप-केन्द्र का लोकार्पण किया। इससे गेहूंखेड़ा, बेंहटा, पीताखेड़ी, बादली, गोपालपुर टकटैया, चांदोल, काकड़ा अननपुर ग्राम लाभांवित होंगे।
बमोरी विकासखण्ड के ग्राम बनेह में 2.66 करोड़ लागत के 33/11 केवी 5 एमवीए क्षमता के विद्युत उपकेन्द्र के तहत बनेह, धाननखेड़ी, चक खुदान, धनोरिया, पोरूखेडी़ के लोग लाभांवित होंगे। इसके अलावा ग्राम किलामपुर में 3.10 करोड़ लागत के 33/11 केवी 5 एमवीए क्षमता के विद्युत उप-केन्द्र के तहत किलामपुर, कलेछरी, भरतपुर, कर्नावटा, लोहारपुर, डोंगरी, रेहपुरा, अजीतपुरा तथा सुआटोर के लोग लाभांवित होंगे।
विधानसभा गुना अंतर्गत पुराना औद्योगिक क्षेत्र एबी रोड में 2.38 करोड़ लागत के 33/11 केवी 5 एमवीए क्षमता के विद्युत उपकेन्द्र का भूमि-पूजन किया गया। इससे औद्योगिक क्षेत्र सहित आस-पास के लगभग 50 हजार से ज्यादा आबादी को लाभ मिलेगा।
उप-केंद्रों का निर्माण भारत शासन की आरडीएसएस योजना के तहत किया गया है। उप-केंद्रों के बनने से क्षेत्र के उपभोक्ताओं को कम वोल्टेज की समस्या एवं ओवर लोड के कारण बार-बार बिजली बन्द होने से राहत मिलेगी। लोड सेंटर पर विद्युत उप-केन्द्र के निर्माण के कारण उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्राप्त होगी। उप-केन्द्रों के निर्माण से लगभग 10 हजार विद्युत उपभोक्ताओं एवं 50 हजार की आवादी को लाभ होगा।