Saturday, October 5, 2024
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आईएमडीआरएफ का सदस्य बना भारत का केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन

भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वैश्विक स्वीकृत मानकों के साथ भारत के नियामक ढ़ांचे को संरेखित करने के उद्देश्य से चिकित्सीय उपकरणों के लिए विस्तृत नियामकों की शुरूआत की है। इस पहल से चिकित्सीय उपकरण क्षेत्र में विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देने वाले नियामक इकोसिस्टम का विकास होगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करने तथा चिकित्सीय उपकरण नियामक प्रणाली को वैश्विक रूप से संरेखित करने के उद्देश्य से वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच (IMDRF) की सदस्यता के लिए आवेदन किया। भारत की संबद्ध सदस्यता की समीक्षा करने के बाद और सितंबर 2024 में अमेरिका के सिएटल में आयोजित आईएमडीआरएफ के 26वें सत्र के दौरान सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारियों के विचार विमर्श के बाद मंच द्वारा सीडीएससीओ को संबद्ध सदस्यता की अनुमति प्रदान की गई।

वर्ष 2011 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच वैश्विक चिकित्सीय उपकरण नियामकों का एक संयुक्त समूह है जो अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामकों के बीच सहयोग और समन्वय को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यरत है। आईएमडीआरएफ के सदस्यों में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, यूरोपियन संघ, जापान, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण कोरिया,सिंगापुर के नियामक प्राधिकरण तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) शामिल हैं। आईएमडीआरएफ की संबद्ध सदस्यता प्राप्त होने से विश्व भर में नियामक प्राधिकरणों के साथ विश्वास और सहयोग में अहम अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

संगठन की सदस्यता मिलने से विश्व भर में नियामक आवश्यक्ता के अनुरुप होने में सहायता मिलेगी। जिससे विनिर्माताओ की जटिलता में कमी आएगी और गठजोड़ को प्रोत्साहन, नियामक संगठनों के बीच अनुरुपता और संरेखन को प्रोत्साहन से जन स्वास्थ्य की रक्षा में सहायता मिलेगी। इससे नवाचार को समर्थन मिलने में सहायता तथा नए चिकित्सीय उपकरणों तक समय तक पहुंच संभव हो सकेगी।

संबद्ध सदस्य के रूप में भारत आईएमडीआरएफ के खुले सत्रों में भागीदारी कर सकेगा। इससे अन्य नियामकों के साथ तकनीकी विषयों पर सूचना के आदान-प्रदान, नवीनतम चिकित्सीय उपकरण नियामक रणनीति पर विचार विमर्श तथा भारत के अनुभवों तथा पहलुओं पर जानकारी देने के साथ-साथ चिकित्सीय उपकरणों के लिए आईएमडीआरएफ दस्तावेजों के भागों या संपूर्ण रूप से भारत के नियामक ढ़ांचे का आधार बनेगा। यह सीडीएसईओ के चिकित्सीय उपकरण नियामक प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ तेजी से विविधता से भरी, उभरती हुई तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने में सहायक बनेगी। इससे जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुरक्षित करने के साथ चिकित्सीय उपकरण नियामक के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक प्राप्त करने के लक्ष्य को जारी रखा जा सकेगा।

मंच की सदस्यता भारत के चिकित्सीय उपकरण निर्माताओं को आईएमडीआरएफ सदस्य देशों के नियामक आवश्कताओं की पूर्ति करने में सक्षम बनाएगी, जिससे वैश्विक बाजार में ‘ब्रांड इंडिया’ को मजबूती प्राप्त होगी।

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