Tuesday, September 17, 2024
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भोजशाला पर जैन समाज ने भी किया दावा, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम समाज के बाद अब जैन समाज ने भी दावा किया है। जैन समाज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वाद में तीसरी पार्टी के रूप में शामिल करने की अपील की है। यह याचिका ने 22 जुलाई को दायर की गई थी, लेकिन इसकी जानकारी बुधवार को सामने आई है।

भोजशाला मामले में मुस्लिम और हिन्दू पक्ष की तरफ से पहले ही दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है। अब जैन समाज की ओर से याचिका दायर में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जैन समाज का पक्ष भी सुने, क्योंकि ब्रिटिश म्यूजियम में जो मूर्ति है, वह जैन धर्म की देवी अंबिका की है, वाग्देवी (सरस्वती) की नहीं। वहीं, भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा वैज्ञानिक सर्वे में की गई खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकरों से संबंधित कलाकृतियां और मूर्तियां मिली हैं, जो इस स्थल पर जैन गुरुकुल और मंदिर की मौजूदगी का संकेत देती हैं।

जैन समाज के याचिकाकर्ता सलेकचंद्र जैन ने कहा कि भोजशाला जैन समाज का है। समाज को पूजा का अधिकार मिले और इसे समाज को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि 1875 में खुदाई के दौरान भोजशाला से वाग्देवी की मूर्ति निकली थी, लेकिन दरअसल वह जैन धर्म की देवी अंबिका की मूर्ति है, जो अब ब्रिटिश संग्रहालय में रखी गई है, जो भोजशाला से जैन समुदाय के ऐतिहासिक संबंध को पुष्ट करती है।

इंदौर हाईकोर्ट में पहले दायर की गई याचिका को खारिज कर दिए जाने के बावजूद जैन समुदाय ने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया है, जिसमें स्थल से अपने ऐतिहासिक संबंधों की मान्यता और संरक्षण की मांग की गई है।

एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट के जवाब में, जो पहले ही हाईकोर्ट को सौंपी जा चुकी है, सर्वोच्च न्यायालय से यह सुनिश्चित करने के लिए संपर्क किया गया है कि साइट के बारे में निर्णय केवल इस सर्वेक्षण पर निर्भर न हों। न्यायालय ने पहले संकेत दिया था कि हाईकोर्ट को केवल सर्वेक्षण निष्कर्षों के आधार पर अंतिम निर्णय नहीं लेना चाहिए।

गौरतलब है कि भोजशाला विवाद पर हाईकोर्ट में मई 2022 से सुनवाई चल रही है। 21 मार्च, 2024 को हाईकोर्ट ने एएसआई से सर्वे कराने का आदेश दिया। यह सर्वे 98 दिन चला और 15 जुलाई को एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी। गत 22 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई हुई। हिंदू पक्ष ने कोर्ट को बताया कि उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी गई है। इसमें एएसआई रिपोर्ट का हवाला देकर भोजशाला हिंदू पक्ष को देने की मांग की गई। इस पर 30 जुलाई को सुनवाई होनी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सभी को इंतजार करना होगा।

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