नई दिल्ली (हि.स.)। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट के लिए नया एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया लागू कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि इस एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के कारण आने वाले दिनों में 23 स्टॉक्स फ्यूचर-ऑप्शंस सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं और इनका एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट बंद हो सकता है।
सेबी द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट के जो स्टॉक लगातार 3 महीने तक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्हें इस सेगमेंट से हटा दिया जाएगा। ऐसा होने के बाद एफएंडओ के लिए नए कॉन्ट्रैक्ट्स जारी नहीं किए जाएंगे। सेबी के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के हिसाब से अब स्टॉक का मेडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज (एमक्यूएसओएस) कम से कम 75 लाख रुपये होना चाहिए।
अभी तक एमक्यूएसओएस की बाध्यता न्यूनतम 25 लाख रुपये की थी। इसी तरह सेबी ने स्टॉक्स के लिए मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (एमडब्लूपीएल) को भी 500 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा स्टॉक्स की एवरेज डेली डिलीवरी वैल्यू को 10 करोड़ रुपये से बढ़कर 35 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि एवरेज डेली डिलीवरी वैल्यू में हुई जोरदार बढ़ोतरी की वजह से सेबी ने एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में 10 करोड़ रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 35 करोड़ रुपये कर दिया है।
ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल ने सेबी के नए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर की गई अपनी स्टडी में कहा है कि इन नए नियमों की वजह से 23 स्टॉक्स फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं। ऐसा होने पर उनके कॉन्ट्रैक्ट भी बंद हो जाएंगे। माना जा रहा है कि नए नियमों के प्रभावी होने पर चंबल फर्टिलाइजर्स, जेके सीमेंट, रामको सीमेंट्स, गुजरात गैस, टॉरेंट फार्मा, सन टीवी नेटवर्क, दीपक नाइट्राइट, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, डॉ लाल पैथ लैब्स, लॉरेंस लैब यूनाइटेड ब्रेवरीज, महानगर गैस लिमिटेड, कोरोमंडल इंटरनेशनल, सिंजिंग इंटरनेशनल, कैन फिन होम्स जैसी कंपनियों के स्टॉक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं। दूसरी ओर अडाणी ग्रीन, डीमार्ट, टाटा टेक्नोलॉजीज, जोमैटो और जिओ फाइनेंशियल जैसे स्टॉक्स फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में अपनी जगह बना सकते हैं।