नई दिल्ली (हि.स.)। दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष को लेकर एक बड़ा उलटफेर हो गया है। चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) के 5 पार्षदों ने पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। ऐसे में यह साफ दिखाई दे रहा है कि दिल्ली नगर निगम में बहुमत रखने वाली आम आदमी पार्टी के लिए स्थायी समिति में अपना अध्यक्ष आसानी से नहीं चुनवा सकेगी।
दिल्ली नगर निगम के चेयरमैन शैली ओबराय ने हाल ही में निगमायुक्त काे स्थायी समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने काे कहा था। दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति का बहुत महत्व होता है और स्थायी समिति के अध्यक्ष के पास नगर निगम के चेयरमैन जैसे ही अधिकार होते हैं। इसके तुरंत बाद रविवार काे आप के पांच पार्षदों ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया। आप के इन पार्षदों के नाम हैं- वार्ड-178 से पार्षद सुगंधा बिधूड़ी, वार्ड- 30 से पवन सहरावत, वार्ड- 28 से राम चंद्र, वार्ड-177 से ममता पवन और वार्ड- 180 से मंजू निर्मल। इनके भाजपा में शामिल होने से जिन दो जोन में भाजपा कमजोर थी, उसमें उसे बढ़त मिल जाएगी।
दरअसल, उपराज्यपाल की ओर से दस एल्डरमैन की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही ठहराए जाने के बाद नगर निगम में भाजपा की स्थिति पहले ही मजबूत हो गई थी। पांच पार्षदों के आप से भाजपा में शामिल होने के बाद न सिर्फ सेंट्रल व नरेला जोन में आप की स्थिति कमजोर हो गई है। स्थिति यह हो गई है कि नगर निगम की स्थायी समिति में अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए मतदान करने का जब वक्त आएगा तब आप और भाजपा दोनों के पक्ष में 9-9 सदस्य हाेंगे। तब चेयरमैन का चयन करना संभव नहीं हो पाएगा।
दिल्ली नगर निगम 12 जोन में बंटा हुआ है। प्रत्येक जोन से स्थायी समिति का एक एक सदस्य चुनकर आना है। रविवार को पाला बदलकर आप के जो पार्षद भाजपा में आए हैं उसमें सेंट्रल जाेन से तीन व नरेला जोन से दो पार्षद हैं। ऐसे में अब सेंट्रल जोन में आप के पार्षदों संख्या 13 से खिसककर 10 हाे गई है वहीं नरेला जाेन में भाजपा 12 बढकर 15 हाे गई है। इसमें दाे एल्डरमैन शामिल है। नरेला में दाेनाें के पास 10-10 सदस्य थे, भाजपा के चार एल्डरमैन के साथ। अब यहां भाजपा की संख्या 8 से बढकर 12 हाे गई है।
उल्लेखनीय है कि रविवार से पहले तक आआपा छह जाेन में और भाजपा पांच जाेन में आगे थी। एक जाेन में दाेनाें बराबरी पर थे। अब आप पांच जाेन में सिमट गई है जबकि भाजपा सात जाेन में आगे हाे गई है। अभी स्थायी समिति में आआपा के तीन सदस्य हैं व भाजपा के दाे सदस्य है। एक जगह रिक्त है। यह जगह बांसुरी स्वराज का लाेकसभा में जाने के बाद खाली हुई है। चूंकि आप यह रिक्त सीट जीत सकती है। ऐसे में मतदान के वक्त निगम सदन में आप की संख्या चार व भाजपा की संख्या दाे हाेगी। इस स्थिति में भी आप के पांच जाेन से सदस्याें काे जाेड़ा जाए ताे यह संख्या नाै तक पहुंचती है। उसी तरह पहले से भाजपा के दाे सदस्याें के साथ भाजपा के सात जाेन के सदस्याें काे मिलाकर यह संख्या नाै तक पहुंच रही है। नगर निगम में 18 सदस्य हाेते हैं। स्थायी सदस्याें की संख्या बराबरी पर हाेने की वजह से अध्यक्ष चयन करना आसान नहीं हाेगा। ये कैसे होगा, यह अभी सवाल ही है।