वक़्त किधर जाए: नंदिता तनुजा

नंदिता तनुजा

ज़िंदगी के राह से गुज़र जाए
वक़्त के साथ यूँ नज़र आए
मिलते रहे किस्मत के सितम
बता संभल के वक़्त किधर जाए

अपनों के बीच रहगुज़र जाए
ग़ैरों से भी मिल यूँ चले आए
बसाते रहे नुमाईश की दुनियां
बता संभल के वक़्त किधर जाए

ख़ुशी के महफ़िल से गुज़र जाए
दुनियां की भीड़ में खो के आए
आज़माते रहे साज़िशों के किस्से
बता संभल के वक़्त किधर जाए

रिश्तों के साए में रहगुज़र जाए
मन्नतों की चाह से यूँ सवंर आए
माँगते रहे अपनों की खुशियां
बता संभल के वक़्त किधर जाए

इश्क़ के जहाँ से गुज़र जाए
अहसास में यूँ ही निकल आए
बहलाते रहे दिल को तन्हाई में
बता संभल के वक़्त किधर जाए

फ़िज़ा के बहार में रहगुज़र जाए
मुट्ठी भर रेत ले यूँ ही बिखेर आए
भटकते रहे दरबदर मुसाफिर बन
बता संभल के वक़्त किधर जाए

वजूद के लम्हों में गुज़र जाए
नंदिता आस ज़िंदगी में ले आए
मंज़िलों की तलाश उम्रभर ज़ारी
बता संभल के वक़्त किधर जाए